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संघर्ष के मार्ग में अकेला ही चलना पड़ता है। कोई बाहरी शक्ति आपकी सहायता नहीं करती है। परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति व लगन आदि मानवीय गुण व्यक्ति को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। दो महत्त्वपूर्ण तथ्य स्मरणीय है – प्रत्येक समस्या अपने साथ संघर्ष लेकर आती है। प्रत्येक संघर्ष के गर्भ में विजय निहित रहती है। एक अध्यापक ने अपने छात्रों को यह संदेश दिया था – तुम्हें जीवन में सफल होने के लिए समस्याओं से संघर्ष करने को अभ्यास करना होगा। हम कोई भी कार्य करें, सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का संकल्प लेकर चलें। सफलता हमें कभी निराश नहीं करेगी। समस्त ग्रंथों और महापुरुषों के अनुभवों को निष्कर्ष यह है कि संघर्ष से डरना अथवा उससे विमुख होना अहितकर है, मानव धर्म के प्रतिकूल है और अपने विकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है। आप जागिए, उठिए दृढ़-संकल्प और उत्साह एवं साहस के साथ संघर्ष रूपी विजय रथ पर चढ़िए और अपने जीवन के विकास की बाधाओं रूपी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कीजिए।
(i) मनुष्य को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं--
(क) निर्भीकता, साहस, परिश्रम
(ख) परिश्रम, लगन, आत्मविश्वास
(ग) साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम
(घ) परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति व लगन
(ii) प्रत्येक समस्या अपने साथ लेकर आती है–
(क) संघर्ष
(ख) कठिनाइयाँ
(ग) चुनौतियाँ
(घ) सुखद परिणाम
(iii) समस्त ग्रंथों और अनुभवों का निष्कर्ष है--
(क) संघर्ष से डरना या विमुख होना अहितकर है।
(ख) मानव-धर्म के प्रतिकूल है।
(ग) अपने विकास को बाधित करना है।
(घ) उपर्युक्त सभी
(iv) ‘मानवीय’ शब्द में मूल शब्द और प्रत्यय है
(क) मानवी + य
(ख) मानव + ईय
(ग) मानव + नीय
(घ) मानव + इय
(v) संघर्ष रूपी विजय रथ पर चढ़ने के लिए आवश्यक है
(क) दृढ़ संकल्प, निडरता और धैर्य
(ख) दृढ़ संकल्प, उत्साह एवं साहस
(ग) दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और साहस
(घ) दृढ़ संकल्प, उत्तम चरित्र एवं साहस
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Answer:
उत्तर-
(क) (iv)
(ख) (i)
(ग) (iv)
(घ) (ii)
(ङ) (ii)
3. कार्य का महत्त्व और उसकी सुंदरता उसके समय पर संपादित किए जाने पर ही है। अत्यंत सुघड़ता से किया हुआ कार्य भी यदि आवश्यकता के पूर्व न पूरा हो सके तो उसका किया जाना निष्फले ही होगा। चिड़ियों द्वारा खेत चुग लिए जाने पर यदि रखवाला उसकी सुरक्षा की व्यवस्था करे तो सर्वत्र उपहास का पात्र ही बनेगा।
उसके देर से किए गए उद्यम का कोई मूल्य नहीं होगा। श्रम का गौरव तभी है जब उसका लाभ किसी को मिल सके। इसी कारण यदि बादलों द्वारा बरसाया गया जल कृषक की फ़सल को फलने-फूलने में मदद नहीं कर सकता तो उसका बरसना व्यर्थ ही है। अवसर का सदुपयोग न करने वाले व्यक्ति को इसी कारण पश्चाताप करना पड़ता है।
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Answer:
मनुष्य को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं--
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