hey mate ☺️☺️☺️
intrusting question
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find out the real meaning of the lines from attached picture.
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इन पंक्तियों से, हम यह कह सकते हैं कि एक तरफ जहां हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए सब्र का फल मीठा होता है उदाहरण के तौर पर जिस तरह हम अपने परीक्षा के बाद आने वाले परिणाम का बेसब्री से इंतजार करते हैं लेकिन हमारे मन में बहुत जिज्ञासा भी होती है अर्थात हमसे इंतजार नहीं होता उसी तरह किसी कार्य को करने के बाद उसके परिणाम को देखने के लिए हमारे अंदर सब्र होना बहुत जरूरी है इसलिए कहा गया है कि "सब्र का फल मीठा होता है" l
अब दूसरी पंक्ति की ओर बढ़ते हैं, जैसा की दूसरी पंक्तियों में कहा गया है कि "वक्त किसी का इंतजार नहीं करता" यह वाक्यांश एकदम सही है लेकिन अगर हम अपनी पहली पंक्ति को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि हर चीज का अपना एक समय होता है इसीलिए हमें सब्र रखते हुए हमें अपना वक्त भी इस्तेमाल करते रहना चाहिए, ताकि सब्र का फल मीठा भी हो और हमारा वक्त भी जायज ना हो एक कहावत के अनुसार "एक विवेक मन का होता है और दूसरा दिमाग का" इन पंक्तियों से हम यह समझते हैं कि अगर दिमाग और दिल सही समय पर सही वक्त काम आए तो हम हर कठिनाई का सामना डटकर और हिम्मत से कर सकते हैं! इसमें अहम भूमिका निभाते हैं "समय का महत्व" और "सब्र" जिसके बारे में हम पहले बात कर चुके हैं l
आशा है कि इससे आपकी कुछ सहायता हुई होगी :)
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Welcome :)
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नमस्कार !
प्रस्तुत पंक्तिया दो महान महान लोगो की विचारधारा है , जिसको हमारे पूर्वज काफी समय से हमे अवगत कराते आये है , और समय और जिंदगी के बीच में एक ताल मेल बनाने को हमे सचेत करते आये है । लेकिन इन दो पंक्तिया देखने के बाद मन में विरोधाभास उत्पन हो जाते है क्योंकि दोनों ही पंक्तिया एक दूसरे के विपरीत लग रहे है , अतः ये जायज है कि मनुष्य कोन सी पंक्ति को लेकर आगे चले जिससे मनुष्य का जीवन आसान हो सके । इस मृत रूपी धरातल पर अपना जिंदगी सुखपूर्वक गुजर सके ।
लेकिन ये तो दोनों बाते एक दूसरे के उल्ट हो रही , दुविधा होगी कौन सी बातें अपनाये , तो चलते है उन दोनों हो लिखित वाक्यांशों का सही अर्थ को जानने जिससे हम दोनों में से किसी एक सही या दोनों को पकड़कर अपने जिंदगी में आगे बड़े और सफलता के मार्ग पर बढे ।
पंक्ति (1 ) के अनुसार हमे पूर्वजो द्वारा कही गयी है कि सब्र यानि इंतजार का फल मीठा होता है , कहने का मतलब हमे कर्म करना चाहिए फल की चिंता नही करनी चाहिए , इसका मतलब ये नही है कि हमे अपने समय को बर्बाद करना चाहीये , हमे अपने कर्म करते जाना चाहिए बिन समय को गवाये क्योकी कर्म करोगे तो फल अवश्य ही मिलेगा । उस फल के लिए इंतजार करने की जरुरत नही है । जब वक्त आएगा तब इनमरूपी फल अवस्य मिलेंगे ।
पंक्ति (2) वक्त किसी का इंतजार नही करता , इसका मतलब है कि जो जीवन रूपी वक्त है किसी का भी इंतेजार नही करता अगर आपकी या मेरी मौत अभी है तो अभी ही होंगे हम इसे चाह कर भी कितने भी किसी भी मूल्य पर खरीद नही सकते अतः हमे अपने समय के मूल्य को समझना चाहिए हमे अपने समय को ऐसे ही फालतू कामो में बर्बाद नही करने चाहिये ।
अतः हमे दोनों पंक्तियों से निष्कर्स यह निकलता है कि दोनों ही बाते अपने जगह बिलकुल सही और सटीक है । हमे सार्थक कर्म करने चाहिए बिन समय को गवाये । दोनों पंक्ति का ही अर्थ बिलकुल एक सामान है । सिर्फ उसपे प्रकाश डालने की जरूरर है । और हमे अपने पूर्वजों पर सक नही होना चाहिए । जो भी उन्होंनो बोला है बिलकुल स्पष्ट है , जिसे अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बन सकते है ।
____Hope it helps you !!!____
@Rajukumar111____________
प्रस्तुत पंक्तिया दो महान महान लोगो की विचारधारा है , जिसको हमारे पूर्वज काफी समय से हमे अवगत कराते आये है , और समय और जिंदगी के बीच में एक ताल मेल बनाने को हमे सचेत करते आये है । लेकिन इन दो पंक्तिया देखने के बाद मन में विरोधाभास उत्पन हो जाते है क्योंकि दोनों ही पंक्तिया एक दूसरे के विपरीत लग रहे है , अतः ये जायज है कि मनुष्य कोन सी पंक्ति को लेकर आगे चले जिससे मनुष्य का जीवन आसान हो सके । इस मृत रूपी धरातल पर अपना जिंदगी सुखपूर्वक गुजर सके ।
लेकिन ये तो दोनों बाते एक दूसरे के उल्ट हो रही , दुविधा होगी कौन सी बातें अपनाये , तो चलते है उन दोनों हो लिखित वाक्यांशों का सही अर्थ को जानने जिससे हम दोनों में से किसी एक सही या दोनों को पकड़कर अपने जिंदगी में आगे बड़े और सफलता के मार्ग पर बढे ।
पंक्ति (1 ) के अनुसार हमे पूर्वजो द्वारा कही गयी है कि सब्र यानि इंतजार का फल मीठा होता है , कहने का मतलब हमे कर्म करना चाहिए फल की चिंता नही करनी चाहिए , इसका मतलब ये नही है कि हमे अपने समय को बर्बाद करना चाहीये , हमे अपने कर्म करते जाना चाहिए बिन समय को गवाये क्योकी कर्म करोगे तो फल अवश्य ही मिलेगा । उस फल के लिए इंतजार करने की जरुरत नही है । जब वक्त आएगा तब इनमरूपी फल अवस्य मिलेंगे ।
पंक्ति (2) वक्त किसी का इंतजार नही करता , इसका मतलब है कि जो जीवन रूपी वक्त है किसी का भी इंतेजार नही करता अगर आपकी या मेरी मौत अभी है तो अभी ही होंगे हम इसे चाह कर भी कितने भी किसी भी मूल्य पर खरीद नही सकते अतः हमे अपने समय के मूल्य को समझना चाहिए हमे अपने समय को ऐसे ही फालतू कामो में बर्बाद नही करने चाहिये ।
अतः हमे दोनों पंक्तियों से निष्कर्स यह निकलता है कि दोनों ही बाते अपने जगह बिलकुल सही और सटीक है । हमे सार्थक कर्म करने चाहिए बिन समय को गवाये । दोनों पंक्ति का ही अर्थ बिलकुल एक सामान है । सिर्फ उसपे प्रकाश डालने की जरूरर है । और हमे अपने पूर्वजों पर सक नही होना चाहिए । जो भी उन्होंनो बोला है बिलकुल स्पष्ट है , जिसे अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बन सकते है ।
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