HEYA BRAINLICS ❣️
WRITE A 3 MIN POEM ON ANY SOCIAL SUBJECT IN HINDI.
NO SPAM❌
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hey mate here is your answer
happy brother's day
follow me
अच्छी तरह से अभी पढ़ना न आयाकपड़ों को अपने बदलना न आयालाद दिए बस्ते हैं भारी-भरकम।बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।।अँग्रेजी शब्दों का पढ़ना-पढ़ानाघर आके दिया हुआ काम निबटानाहोमवर्क करने में फूल जाये दम।बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।।देकर के थपकी न माँ मुझे सुलातीदादी है अब नहीं कहानियाँ सुनातीबिलख रही कैद बनी, जीवन सरगम।बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।।इतने कठिन विषय कि छूटे पसीनारात-दिन किताबों को घोट-घोट पीनाउस पर भी नम्बर आते हैं बहुत कम।बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।।
i hope you like my answer
hey mate.....
here is ur poem
नयी नस्लों के ये बच्चे
जमाने भर की सुनते हैं।
मगर माँ बाप कुछ बोले
तो बच्चे बोल जाते हैं।
बहुत ऊँची दुकानों में
कटाते जेब सब अपनी।
मगर मज़दूर माँगेगा
तो सिक्के बोल जाते हैं।
अगर मखमल करे गलती
तो कोई कुछ नहीँ कहता।
फटी चादर की गलती हो
तो सारे बोल जाते हैं।
हवाओं की तबाही को
सभी चुपचाप सहते हैं।
च़रागों से हुई गलती
तो सारे बोल जाते हैं।
बनाते फिरते हैं रिश्ते
जमाने भर से अक्सर।
मगर जब घर में हो जरूरत
तो रिश्ते भूल जाते हैं।
कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।
कटा जब शीश सैनिक का
तो हम खामोश रहते हैं।
कटा एक सीन पिक्चर का
तो सारे बोल जाते हैं।
Brainlist pls☺☺☺
@Toshika❤❤❤❣❣❣