HEYA GUYS ^_^
Give the definition of अव्यय with types, definition of its types with examples
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किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय (Indeclinable या inflexible) कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है- 'जो व्यय न हो।'
उदाहरणहिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।संस्कृत अव्यय : अद्य (आज), ह्यः (बीता हुआ कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अत्र (यहां), तत्र (वहां), कुत्र (कहां), सर्वत्र (सब जगह), यथा (जैसे), तथा (तैसे), कथम् (कैसे) सदा (हमेशा), कदा (कब), यदा (जब), तदा (तब), अधुना (अब), कदापि (कभी भी), पुनः (फिर), च (और), न (नहीं), वा (या), अथवा (या), अपि (भी), तु (लेकिन (तो)), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), धिक् (धिक्कार), विना (बिना), सह (साथ), कुतः (कहाँ से), नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण हो), आदि।
उदाहरणहिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।संस्कृत अव्यय : अद्य (आज), ह्यः (बीता हुआ कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अत्र (यहां), तत्र (वहां), कुत्र (कहां), सर्वत्र (सब जगह), यथा (जैसे), तथा (तैसे), कथम् (कैसे) सदा (हमेशा), कदा (कब), यदा (जब), तदा (तब), अधुना (अब), कदापि (कभी भी), पुनः (फिर), च (और), न (नहीं), वा (या), अथवा (या), अपि (भी), तु (लेकिन (तो)), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), धिक् (धिक्कार), विना (बिना), सह (साथ), कुतः (कहाँ से), नमः (नमस्कार), स्वस्ति (कल्याण हो), आदि।
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अविकारी शब्द - जिन शब्दों के खुद के रूप में किसी भी कारण से परिवर्तन नहीं होता जैसे क्रियाविशेषण ,संबंधबोधक ,समुच्चयबोधक , तथा विस्मयादिबोधक आदि वाले शब्द, उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं ! अविकारी शब्दों को अव्यय भी कहा जाता है !
अव्यय - अव्यय वे शब्द हैं जिसमें लिंग ,काल आदि की दृष्टि से कोई परिवर्तन नहीं होता, जैसे - यहाँ ,कब, और आदि ।
अव्यय शब्द पांच प्रकार के होते हैं
1) (क्रियाविशेषण - धीरे -धीरे , बहुत)
2) (संबंधबोधक - के साथ , तक)
3) (समुच्चयबोधक - तथा , एवं ,और )
4) (विस्मयादिबोधक - अरे ,हे )
5) (निपात - ही ,भी )
1)वैसा अव्यय जो किसी क्रिया की विशेषता बतलाता है उसे क्रियाविशेषण अव्यय कहते है।
जैस: रोहन बहुत सोता है।
2)वैसा शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम शब्द के बीच की संबंध बताये उसे संबंधबोधक अव्यय कहते है।
जैसे - के बाद (After) , से पहले (before) ,के ऊपर (up) ,के कारण (because),तक (till) ,के अनुसार (according) ,के भीतर(inside) ,की खातिर (sake) ,के लिए (for), के बिना (without), आदि !
Sentence: Somwar ke bad mangalwar aata hai (Tuesday comes after monday)
3)वैसा शब्द जो दो वाक्यों को जोङता हैं। उसे समुच्चयबोधक अव्यय कहते है।
जैसे - कि (ki) ,मानों (maano) ,आदि (etc) ,और ,अथवा (and),यानि (yaani) ,इसलिए (because) , किन्तु (kintu) ,तथापि (tathapi) ,क्योंकि (Kyunki) ,मगर (magar) ,बल्कि(Balki)।
4)वैसा शब्द जिससे मन की दशा पता चले उसे विस्मयादिबोधक अव्यय कहते है।
जैसे - अरे (are!),ओह (oh!) ,हाय (Hay!) ,ओफ (off!) ,हे (he!) ( इन शब्दों के साथ संबोधन का चिन्ह ( ! ) भी लगाया जाता हैं।
5)वैसा शब्द जो विषय पर ज्यादा जोर दे और विशेष अर्थ बताये उसे निपात कहते है।
जैसे - ही (as) ,भी (too) ,तो (so far) ,तक (till) ,भर (around) ,केवल/ मात्र (only).
hope it helps you....mark as brainlist...follow me
अव्यय - अव्यय वे शब्द हैं जिसमें लिंग ,काल आदि की दृष्टि से कोई परिवर्तन नहीं होता, जैसे - यहाँ ,कब, और आदि ।
अव्यय शब्द पांच प्रकार के होते हैं
1) (क्रियाविशेषण - धीरे -धीरे , बहुत)
2) (संबंधबोधक - के साथ , तक)
3) (समुच्चयबोधक - तथा , एवं ,और )
4) (विस्मयादिबोधक - अरे ,हे )
5) (निपात - ही ,भी )
1)वैसा अव्यय जो किसी क्रिया की विशेषता बतलाता है उसे क्रियाविशेषण अव्यय कहते है।
जैस: रोहन बहुत सोता है।
2)वैसा शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम शब्द के बीच की संबंध बताये उसे संबंधबोधक अव्यय कहते है।
जैसे - के बाद (After) , से पहले (before) ,के ऊपर (up) ,के कारण (because),तक (till) ,के अनुसार (according) ,के भीतर(inside) ,की खातिर (sake) ,के लिए (for), के बिना (without), आदि !
Sentence: Somwar ke bad mangalwar aata hai (Tuesday comes after monday)
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जैसे - कि (ki) ,मानों (maano) ,आदि (etc) ,और ,अथवा (and),यानि (yaani) ,इसलिए (because) , किन्तु (kintu) ,तथापि (tathapi) ,क्योंकि (Kyunki) ,मगर (magar) ,बल्कि(Balki)।
4)वैसा शब्द जिससे मन की दशा पता चले उसे विस्मयादिबोधक अव्यय कहते है।
जैसे - अरे (are!),ओह (oh!) ,हाय (Hay!) ,ओफ (off!) ,हे (he!) ( इन शब्दों के साथ संबोधन का चिन्ह ( ! ) भी लगाया जाता हैं।
5)वैसा शब्द जो विषय पर ज्यादा जोर दे और विशेष अर्थ बताये उसे निपात कहते है।
जैसे - ही (as) ,भी (too) ,तो (so far) ,तक (till) ,भर (around) ,केवल/ मात्र (only).
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