Heya Guys ^_^
HOWZZ YOU!?
Give the definition and examples with their types of कारक in Hindi ...
happygirl54:
Happy makar sankrant to u and ur family
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1. कर्ता प्रथमा -- ने
2. कर्म द्वितीया -- को
3. करण -- से, के साथ, के द्वारा
4. संप्रदान -- के लिए, को
5. अपादान -- से (पृथक)
6. संबंध -- का, के, की, रा, रे, री
7. अधिकरण -- में, पर
8. संबोधन -- हे ! अरे ! ओ!
2. कर्म द्वितीया -- को
3. करण -- से, के साथ, के द्वारा
4. संप्रदान -- के लिए, को
5. अपादान -- से (पृथक)
6. संबंध -- का, के, की, रा, रे, री
7. अधिकरण -- में, पर
8. संबोधन -- हे ! अरे ! ओ!
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1
Heyaa !!!
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hers a happy answer to ur question :-)
कारक :- Sangya या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों तथा क्रियापदों के साथ प्रकट होता है , उसे कारक कहते हैं ।
कारक के प्रकार :-
१.कर्ता कारक :- क्रिया का करनेवाला कर्त कहलाते है ।
उदा.
१.राधा ने कहानी सुनाई ।
२.मैरा भाई परीक्षा की तैयारी कर रहा है ।
२.कर्म कारक :- विक्य की क्रिया का फल जिस Sangya या सर्वनाम पर पडे़ , उसे कर्म कहते है ।
उदा.
१.राधा कहानी सुनाती है ।
२.पिता जी ने राधा को बुलाया ।
३.करण कारक :- क्रिया के करने के साधन को करण कारक कहा जाता है ।
उदा.
१.मैं चाकू से फल काटती हूँ ।
२.हम बस से स्कूल जाते है।
४.संप्रदान कारक :- वाक्य का कर्ता जिसके लिए क्रिया करता है या जिसे कुछ देता है , उसे संप्रदान कारक कहते है ।
उदा.
१.माता जी ने नौकरानी को साडी़ दी ।
२.पिता जी हम सब के लिए कपडे़ लाए ।
५.अपादान कारक :- वाक्य के जिस Sangya/सर्वनाम पद में किसी के अलग होने या तुलना का भाव व्यक्त हो , उसे अपादान कारक कहते है ।
उदा.
१.खिलाडी़ मैदान से लौट रहे है ।
२.पेड़ से पत्ते गिर रहे है ।
६.संबंध कारक :- ये वाक्य में Sangya - Sangya या सर्वनाम Sangya का संबंध बताते हैं। इसका क्रिया से कोई संबंध नही होता ।
७.अधिकरण कारक :- जो sangya या सर्वनाम क्रिया के होने का स्थान या समय बताते हैं वे अधिकरण कारक है ।
उदा.
१.आँगन में बच्चे खेल रहे हैं।
२.कबूतर छत पर बैठे हैं ।
८.संबोधन कारक :- संबोधन का संबंध वाक्य की क्रिया से नाहीं होता । इसका प्रयोग किसी को बुलाने या संबोधित करने के लिए किया जाता है ।
.
.
:-) Hope it help's u :-) :-)
:-) :-) Be brainly :-) :-)
:-) :-) Be happy :-) :-)
:-) :-) Happy makar sankrant :-) :-)
:-) :-) Give one thnx to my answer if u like it :-) :-)
:-) :-) Nd follow me if u wish :-) :-)
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hers a happy answer to ur question :-)
कारक :- Sangya या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों तथा क्रियापदों के साथ प्रकट होता है , उसे कारक कहते हैं ।
कारक के प्रकार :-
१.कर्ता कारक :- क्रिया का करनेवाला कर्त कहलाते है ।
उदा.
१.राधा ने कहानी सुनाई ।
२.मैरा भाई परीक्षा की तैयारी कर रहा है ।
२.कर्म कारक :- विक्य की क्रिया का फल जिस Sangya या सर्वनाम पर पडे़ , उसे कर्म कहते है ।
उदा.
१.राधा कहानी सुनाती है ।
२.पिता जी ने राधा को बुलाया ।
३.करण कारक :- क्रिया के करने के साधन को करण कारक कहा जाता है ।
उदा.
१.मैं चाकू से फल काटती हूँ ।
२.हम बस से स्कूल जाते है।
४.संप्रदान कारक :- वाक्य का कर्ता जिसके लिए क्रिया करता है या जिसे कुछ देता है , उसे संप्रदान कारक कहते है ।
उदा.
१.माता जी ने नौकरानी को साडी़ दी ।
२.पिता जी हम सब के लिए कपडे़ लाए ।
५.अपादान कारक :- वाक्य के जिस Sangya/सर्वनाम पद में किसी के अलग होने या तुलना का भाव व्यक्त हो , उसे अपादान कारक कहते है ।
उदा.
१.खिलाडी़ मैदान से लौट रहे है ।
२.पेड़ से पत्ते गिर रहे है ।
६.संबंध कारक :- ये वाक्य में Sangya - Sangya या सर्वनाम Sangya का संबंध बताते हैं। इसका क्रिया से कोई संबंध नही होता ।
७.अधिकरण कारक :- जो sangya या सर्वनाम क्रिया के होने का स्थान या समय बताते हैं वे अधिकरण कारक है ।
उदा.
१.आँगन में बच्चे खेल रहे हैं।
२.कबूतर छत पर बैठे हैं ।
८.संबोधन कारक :- संबोधन का संबंध वाक्य की क्रिया से नाहीं होता । इसका प्रयोग किसी को बुलाने या संबोधित करने के लिए किया जाता है ।
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:-) Hope it help's u :-) :-)
:-) :-) Be brainly :-) :-)
:-) :-) Be happy :-) :-)
:-) :-) Happy makar sankrant :-) :-)
:-) :-) Give one thnx to my answer if u like it :-) :-)
:-) :-) Nd follow me if u wish :-) :-)
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