Hindi, asked by KartikSharma13, 1 year ago

HEYAAAA,

ANSWER FOR 50 POINTS

Please write an essay on --

“Bhrastachaar hatao Naya Bharat banao" in hindi.

And please don't give copied answer.

You can use English letters to write Hindi.

Word limit is more than 200 words.

Answers

Answered by PratikRatna
24
भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार समाज में उस कैंसर की बिमारी की तरह है जिसका अगर आरंभिक स्थिति में इलाज किया जाए तो वह ठीक हो सकता हैं अन्यथा जटिलता होने पर यह समाज को पूर्णतः मैला कर सकता हैं। भ्रष्टाचार आज एक विश्वव्यापी समस्या बन चुकी हैं। लगभग सभी देश इससे त्रस्त हैं।

भ्रष्टाचार दो शब्द, भ्रष्ट तथा आचार के संयोग से बना है। भ्रष्ट का अर्थ अनैतिक तथा आचार का अर्थ आचरण होता हैं। अतः भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ अनैतिक आचरण होता हैं। जब कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ से लोभग्रस्त होकर नियमों के विरुद्ध अनैतिक आचरण करता है तो उसे हम भ्रष्टाचार की संज्ञा देते हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में हमारा देश भारत विश्व में 94वें स्थान पर हैं जहाँ शीर्ष से लेकर गर्त तक भ्रष्टाचार की जड़ें फैली हुई हैं। कुछ बड़े पदाधिकारी तो कुछ निम्न स्तर के पदाधिकारी व कर्मचारी सभी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आय दिन दैनिक अखबारों में हम भ्रष्टाचार के नए नए मामलों को उजागर होतें देखतें हैं।

भ्रष्टाचार के कुछ प्रमुख कारण हैं। जैसे :
1. स्वार्थ - कुछ लोग अधिक धन के स्वार्थ मे आकर रिश्वत मांगते हैं और भ्रष्टाचार करते हैं।
2. असंतोष - कुछ लोगों के पास पर्याप्त धन होने के बावजूद भी लोभवश रिश्वतखोरी करतें हैं।
इत्यादि।

सिर्फ रिश्वत लेना ही भ्रष्टाचार नहीं होता। भ्रष्टाचार के अन्य कई रूप है। काला बाजारी, कर छुपाना, सामान्य से अधिक मूल्य पर सामान बेचना, खेल में पैसे के लालच में परिणाम बदलने के लिए खेलना, काम करने के लिए पैसे मांगना इत्यादि ये सभी भ्रष्टाचार के अंतर्गत आते हैं।

भ्रष्टाचार हमारे देश और समाज को व्यापक रूप से बर्बाद कर रहा है। मुख्यतः गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोग इससे सबसे ज्यादा त्रस्त है। हर छोटे - बड़े कार्य हेतु रिश्वत मांगी जाती हैं। नौकरी पाने की लालसा में गरीब मासूमों से लाखों रुपए ले लिए जातें हैं। खेल के दौरान स्पार्ट फिक्सिंग की जाती हैं। ऐसे अन्य कई भ्रष्टाचार सम्बन्धी खबरें आय दिन देखी जाती हैं।

भ्रष्टाचार नामक इस बिमारी को समाप्त करना बेहद आवश्यक हैं। तभी देश और समाज प्रगति के मार्ग पर तेजी से अग्रसर होगा। परन्तु हम भ्रष्टाचार मुक्त समाज की परिकल्पना तभी कर सकतें है जब हम स्वयं इसके प्रति जागरूक होंगें। सरकार ऐसी भ्रष्टाचार की गतिविधियों को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। भ्रष्टाचारियों को कठोरतम दंड मिलना आवश्यक हैं। जिससे दुसरे लोग भ्रष्टाचार करने से पहले मिलने वाले कठोर दंड के बारे में सोंचे। साथ ही हमें भी रिश्वत देने से इनकार करना चाहिए तथा किसी को ऐसा करते पाने पर तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। तभी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का सपना साकार हो सकेगा।

धन्यवाद !!!
Answered by nilesh102
3

Hi mate,

Answer :-

  • आज पूरे विश्व का शायद ही कोई देश बचा हो जो भ्रष्टाचार से बचा हो । पूरे विश्व में भ्रष्टाचार ने अपनी पैठ बना ली है। भारत, चीन और अफ्रिकन देशो में तो यह विकराल रूप में प्रकट होती रही है। भ्रष्टाचारी स्वभाव व प्रवृत्ति का जन्म मानव में कब और कैसे हुआ, इसका अंदाजा लगाना तो संभव नहीं है लेकिन यह माना जा सकता है कि मानव की तीव्र जिज्ञासा तथा अति उत्सुकता ने इसे जन्म दिया होगा।
  • अब प्रश्न यह उठता है कि, आखिर भ्रष्टाचार क्यों पनपता है और इसका निदान कैसे संभव है? इसके मूल में एक ही बात है कि वैसे लोग भ्रष्टाचार के भागी बनते हैं जो अपना कार्य गलत तरीके से करवाना चाहते हैं।
  • यह सब भारत जैसे विकासशील देशों में सरकारी कार्यालयों में सर्वाधिक दृश्टिगोचर होता है। लोगों द्वारा सरकारी कर्मचारियों तथा अफसरों को अपना काम जल्दी करवाने या गलत तरीके से करवाने हेतू उपहार अथवा पैसों की पेषकष की जाती है। ज्यादातर मामलों में तो विभागों के दलालों द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए दर निर्धारित कर दिए जाते हैं, जिसमें नीचे से उपर तक के सभी कर्मचारियों का हिस्सा होता है।
  • हमारे राष्ट्र के नेताओं ने तो भ्रष्टाचार की नई पराकाश्ठा ही लिख दी है । चारा घोटाला, बोफोर्स मामला, तहलका कांड, कोयला आबंटन घोटाला, 2जी घोटाला आदि तो हमारे राष्ट्र के महान घोटालों में दर्ज हैं। नेताओं तथा अफसरों की मिलीभगत ने तो देशवासियों का अपार पैसा भ्रष्टाचारियों के हाथों सुपुर्द कर दिया है।
  • स्विस बैंक, जर्मन बैंक आदि में गलत तरीके से अरबों रूपये जमा हैं। हमारे नेतागण तथा सरकार इस काले धन के खुलासे और इसके भारत आगमन से डरती है, क्योंकि इससे सैकड़ों बड़े नाम सामने आ जाएँगे। हमारी न्यायपालिका भी भ्रष्टाचार के संक्रमण से बची नहीं हैं। पैसों के बल पर कई गलत फैसले लिए दिये गए हैं।
  • आज भारत सहित पूरे विश्व यदि भ्रष्टाचाररूपी रोग से मुक्त कराना है तो आज के युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। समाज में व्याप्त रोग को मिलजुल कर मिटाना होगा। हमें विद्यालयी स्तर से ही बच्चों को इससे दूर रहने को प्रेरित करना होगा और सरकार को कई कड़े कानून बनाने होंगे। इस प्रकार हम एक बेहतर कल की उम्मीद कर सकते हैं।
  • भ्रष्टाचार हमारे देश और समाज को व्यापक रूप से बर्बाद कर रहा है। मुख्यतः गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोग इससे सबसे ज्यादा त्रस्त है। हर छोटे - बड़े कार्य हेतु रिश्वत मांगी जाती हैं। नौकरी पाने की लालसा में गरीब मासूमों से लाखों रुपए ले लिए जातें हैं। खेल के दौरान स्पार्ट फिक्सिंग की जाती हैं। ऐसे अन्य कई भ्रष्टाचार सम्बन्धी खबरें आय दिन देखी जाती हैं।
  • भ्रष्टाचार नामक इस बिमारी को समाप्त करना बेहद आवश्यक हैं। तभी देश और समाज प्रगति के मार्ग पर तेजी से अग्रसर होगा। परन्तु हम भ्रष्टाचार मुक्त समाज की परिकल्पना तभी कर सकतें है जब हम स्वयं इसके प्रति जागरूक होंगें। सरकार ऐसी भ्रष्टाचार की गतिविधियों को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
  • भ्रष्टाचारियों को कठोरतम दंड मिलना आवश्यक हैं। जिससे दुसरे लोग भ्रष्टाचार करने से पहले मिलने वाले कठोर दंड के बारे में सोंचे। साथ ही हमें भी रिश्वत देने से इनकार करना चाहिए तथा किसी को ऐसा करते पाने पर तत्काल संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। तभी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का सपना साकार हो सकेगा।

धन्यवाद l

...............................................................

i hope it helps you.

Similar questions