Hindi, asked by kushagrh2004p92nlh, 1 year ago

heyy guys can anyone give me an essay in hindi and in abou 200 words on plastic ki duniya and jaisi sangti bethie te soi fal hoe....plz plz plz its urgent...thnks guys....in hindi only

Answers

Answered by BrainlyQueen01
5
hey mate here's ur answer :-)

प्लास्टिक आज के समय का सबसे उपयोगी वस्तु है। वह घर-घर में प्रयोग में लाया जाता है। रसोई से लेकर घर के बाहर तक उसका प्रयोग किया जाता है। बर्तन से लेकर झाड़ू मारने तक में उसका किसी-न-किसी रूप में प्रयोग हो रहा है। आज इसके डिब्बे, चटाई, बर्तन, शीट, अलमारी, टेबल, कुर्सी, खिड़कियाँ, दरवाज़े, ए.सी., कूलर, टी.वी., कंप्यूटर, स्विच, प्रेस, फ्रेम, चश्मे, तारें, पेंसिल, बॉक्स, पेन, कारों में लगने वाला समान, पेंकिग की थैलियाँ, दवाई के डिब्बे, दवाइयों के खोल, इंजेक्शन, इत्यादि बनता है


सुबह उठने से लेकर देर रात सोने तक हम जिन वस्तुओ का उपयोग करते है,उन वस्तुओ में ज्यादातर सभी प्लास्टिक की बनी होती है|विज्ञान के चमत्कारों से हम सभी भली-भांति परिचित है|विज्ञान ने ही अनेक कृत्रिम धातुओं,पदार्थो तथा तत्वों का निर्माण किया है,जिसमे से प्लास्टिक एक है|प्लास्टिक आज के संसार का महत्वपूर्ण पदार्थ है|या यूँ कह सकते है आज का युग प्लास्टिक का युग है|सुबह के टूथब्रश से लेकर हमारी स्कूटर,कार की बाड़ी तक हर जगह प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज बच्चों के खिलौने,क्राकरी,फर्नीचर,आदि सभी में प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है|आज प्लास्टिक के बिना मानव जीवन असंभव सा प्रतीत होता है|इसके उपयोग का विशेष कारण है,इसका तापरोधक होना,आवाज कम करना व किसी भी फ्रेम में आसानी से ढल जाना तथा इसे पिघलाकर इसमें विशेष रंग भर सकते है,साथ ही साथ यह वाटरप्रूफ भी होती है|मजबूती में यह पत्थर और स्टील की तरह मजबूत होती है|तथा लचक में रबर जैसी लचीली होती है|इसमें दीमक और जंग भी नही लगती है और हम सभी को बाजार में इससे बने हुए सामान काफी सस्ते में मिल जाते है|

प्लास्टिक का प्रयोग परिधानों,वस्त्रों,घर व रेस्त्रां में उसे रंग-बिरंगा एवं सुन्दर बनाने में भी किया जाता है|जब बात हम प्लास्टिक की करते है,तो भारत वर्ष में आई० पी० सी० एल० नामक संस्था का योगदान महत्वपूर्ण है|आई० पी० सी० एल० से प्लास्टिक संसार में जो क्रांति आई उसका श्रेय जाता है,आई० पी० सी० एल० के चेयर मैन तथा एम० डी० डॉ० वर्धराजन को,उन्होंने प्लास्टिक के संसार में ऐसी क्रांति उत्पन्न की,भारत वर्ष में उनका नाम हमेशा इस क्षेत्र से जुड़ा रहेगा|प्लास्टिक में सहस्त्रों गुण है लेकिन उसका एक दुर्गुण काफी खतनाक है, प्लास्टिक का कभी मिट्टी न बन पाना और पञ्चमहाभूतों से बना ये संसार और इस संसार की कोई भी वस्तु अन्ततः मिट्टी में नही मिल पाती तो वह धरती के लिए खतरा बन जाती है|प्लास्टिक के दुरपयोग से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है इसका सबसे विकृत रूप पोलीथीन बैग के रूप में दिखाई देता है| माता कही जाने वाली गाय प्लास्टिक में फेके गये अन्न एवं छिलकों को बैग सहित खा जाती है|गायों की जब मृत्यु होती है,उनके पेट से प्लास्टिक बैग की ये पोटलियाँ निकलती है|प्लास्टिक यदि संसार के लिए लाभकारी है तो हमें यह भी याद रखना चाहिये कि हम इसका उपयोग कैसे करे, नहीं तो भस्मासुर वाली कहावट सिद्ध हो सकती है



2)जैसी संगति बैठिये तैसोई फल होये



मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसे किसी न किसी साथी कि आवश्यकता जरुर होती है परन्तु यह संगति ही उसके व्यक्तित्व निर्माण को प्रभावित करती है I संगति का प्रभाव मनुष्य पर जरुर पड़ता है I जिस प्रकार स्वाति कि बूँद सीप के सम्पर्क में आने पर मोती, और सर्प के सम्पर्क में आने पर विष बन जाती है उसी प्रकार सत्संगति में रहकर मनुष्य का आत्मसंस्कार होता है जबकि बुरी संगति उसके पतन का कारण बनती है I अच्छी संगति में रहकर मनुष्य का चारित्रिक विकास होता है, उसकी बुद्धि परिष्कृत होती है और उसका मन शुद्ध होता है I बुरी संगति हमारे भीतर के दानव को जागृत करती है I
शुक्ल जी ने ठीक कहा है- ‘कुसंग का ज्वर बड़ा भयानक होता है’ I दुर्जन का साथ पग-पग पर हानि देता है, अपमान और अपयश देता है I हमें प्रयास करके सज्जनों का साथ प्राप्त करना चाहिए क्योंकि ‘शठ सुधरहिं सत्संगति पाये’ I अंगुलिमाल, वाल्मीकि जी जैसे अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं I विशेष रूप से विद्यार्थियों को सत्संगति का महत्त्व समझना चाहिए क्योंकि वे अपरिपक्व अवस्था में होते हैं और कच्ची मिटटी के समान उन्हें किसी भी रूप में ढाला जा सकता है I


hope it helps
# copied

BrainlyQueen01: where are u from
BrainlyQueen01: jharkhand????
BrainlyQueen01: bskd
kushagrh2004p92nlh: no m from haryana
kushagrh2004p92nlh: and thnk u soo much praduman
BrainlyQueen01: wlcm
Similar questions