CBSE BOARD XII, asked by sufiyanmoh999, 4 months ago

HF द्रव है जबकि H I सामान्य ताप पर गैस​

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Answered by Anonymous
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Answer:

हाइड्रोजन की खोज 1766 में हेनरी केवेण्डिस ने की थी । इन्होने इसे लोहा पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से प्राप्त किया था तथा ज्वलनशील वायु नाम था। 1883 में लैवाशिए ने इसका नाम हाइड्रोजन रखा क्योकि यह ऑक्सीजन के साथ जलकर जल बनाती है। [Greek:hydra =जल तथा gene :उत्पादक ] हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है।[3] प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।[4] द्रव हाइड्रोजन - 253° से. पर उबलता है और ठोस हाइड्रोजन - 258 सें. पर पिघलता है।[5]

Answered by shirinsultana5172
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Explanation:

ट्राइहैलाइडों की अपेक्षा पेंटाहैलाइड अधिक सहसंयोजी क्यों होते हैं ?

उत्तर

केन्द्रीय परमाणु की जितनी अधिक धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था होगी उसकी ध्रुवण क्षमता उतनी ही अधिक होगी। जिसके कारण केन्द्रीय परमाणु और हैलोजन परमाणु के मध्य बने बन्ध का सहसंयोजी लक्षण बढ़ जाता है। पेन्टाहैलाइड में केन्द्रीय परमणु +5 ऑक्सीकरण अवस्था में है जबकि ट्राइहैलाइड में यह +3 ऑक्सीकरण अवस्था में है। अतः ट्राइहैलाइडों की अपेक्षा पेन्टाहैलाइड अधिक सहसंयोजी होते हैं।

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