Hindi, asked by chunnu30302, 8 months ago

Hi everyone
Can you tell me
कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
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Answered by bhatiamona
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कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

कल गैरों की खातिर की आज अपनी खातिर करना। ‘साहिर लुधियानवी’ द्वारा लिखी गई ‘साथी हाथ बढ़ाना’ नामक इस कविता के माध्यम से इन पंक्तियों के द्वारा कवि यह कहना चाहता है कि कल तक हमने कभी हमने विदेशियों अर्थात अंग्रेजों के लिए मेहनत की, क्योंकि उस समय हमारा देश गुलाम था, तो जो भी मेहनत हमने अंग्रेजों की है कि वह आज हमें अपने लिए करना है। क्योंकि अब हम आजाद हो गयें हैं। हमें अब स्वयं को आगे बढ़ाना है। अब हम आजाद हो गए हैं तो हमें अंग्रेजों/विदेशियों के लिए कोई भी कार्य करने और उनकी गुलामी करने की कोई जरूरत नहीं। अब हम अपने राजा स्वयं हैं और हमें अपनी मेहनत से स्वयं के जीवन का निर्माण करना है।

Answered by jeetendraehirc
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