Hindi, asked by arya805, 1 month ago

Hi please solve the question.

प्रस्ताव लेखन- ‘दीपावली’
विषय पर 200 शब्दों का प्रस्ताव लिखिये |

Answers

Answered by sensandeep2266
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दिवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे हम दीपावली के नाम से भी जाना है। इस दिन हर तरफ ख़ुशी का माहौल होता है, लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं और बच्चे-युवा लोग मिलकर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली सिर्फ देश का ही नहीं अपितु भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण त्यौहार है। वे लोग भी दिवाली को बहुत धूम-धाम से मानते हैं। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों में अवकाश रहता है। स्कूलों-कॉलेजों में निबंध लेखन किया जाता है तो कहीं-कहीं प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अतः बहुत से छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। हम अपने ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी पा सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है,

Answered by jackson85
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Answer:

प्रत्येक समाज त्यौहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं।

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

दीपावली का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है।

हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना। यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है

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