hi this is from class 6 CBSE Hindi Nadan dost Hindi, please help क) प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा | अगर आप होते तो क्या शीर्षक देते ? ख) माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए ? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया ? ग) केशव और श्यामा ने अंडों का सत्यानाश कैसे कर दिया ? घ) अगर आप केशव और श्यामा की जगह होते तो क्या करते ? ड.) दोनों बच्चों की जिज्ञासा क्यों बढ़ रही थी ?
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क) हम इसका अन्य शीर्षक ‘रक्षा में हत्या या बच्चों की नादानी’ देना चाहेंगे।
ख) क्योंकि वही समय ऐसा था जब वे बाहर आकर चुपचाप चिड़िया के बच्चे को देख सकते थे। माँ उनको देख लेती तो अंडों को हाथ न लगाने देती। माँ के पूछने पर पिटाई के डर से दोनों में से किसी ने बाहर निकलने का कारण नहीं बताया|
ग) केशव और श्यामा ने अपनी ओर से तो उन अंडों की रक्षा करनी चाही, पर यह उनकी नादानी सिद्ध हुई। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वयं कर सकती थी। बच्चे ने अंडों की रक्षा करने के प्रयास में उन्हें छूकर गंदा कर दिया। उन्हें नहीं मालूम था कि यदि वे अंडों को छू लेंगे तो चिड़िया उन्हें छोड़ ही देगी। वास्तव में वे तो उन अंडों की रक्षा करना चाहते थे लेकिन नादानी में रक्षा में हत्या हो गई।
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ड.) बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे|
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Question - प्रेमचंद जी ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा | अगर आप होते तो क्या शीर्षक देते ?
Answer - हम इसका दूसरा अन्य शीर्षक ‘रक्षा में हत्या या बच्चों की नादानी’ देना चाहेंगे।
Question - माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए ? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया ?
Answer - मां के सोते कि केशव और श्यामा दोपहर में चिड़िया और उसके अंडों की रक्षा करने के लिए बाहर निकल पड़े क्योंकि मां उन्हें कार्निस पर स्टूल लगाकर चढ़ने नहीं देती। वे जानते थे कि यदि मां ने देख लिया तो वह उन्हें डांटेगी। मां नहीं चाहती थी कि वे बाहर दोपहर में धूप में घूमें।
Question - अगर आप केशव और श्यामा की जगह होते तो क्या करते ?
Answer - अंडों की रक्षा के लिए केशव ने स्टूल के नीचे नहाने की चौकी रखकर कार्निस पर पुरानी धोती फाड़कर उसकी एक गद्दी बनाकर उसके ऊपर तीनों अंडों को रख दिया। केशव ने अंडों के ऊपर टोकरी को एक टहनी से टिका दिया और दाना और पानी की प्याली भी वहाँ रख दी। लेकिन दोनों बच्चों की नादानी की वजह से अंडे उनके छूने से गंदे हो गये।
Question - अगर आप केशव और श्यामा की जगह होते तो क्या करते ?
Answer - केशव और श्यामा ने यह अनुमान लगाया कि अंडों को तिनकों पर तकलीफ होती होगी, तथा कार्निस पर उन्हें धूप भी लगती होगी। ... यदि हम उस जगह होते तो यह अनुमान लगाते कि कहीं कोई जानवर तो अंडों तक नहीं पहुँच जाएगा। कार्निस तक कोई जानवर न पहुँचे, मैं इसका प्रयास करता।
Question - दोनों बच्चों की जिज्ञासा क्यों बढ़ रही थी ?
Answer - बालमन जिज्ञासाओं से भरा होता है। उन्होंने पहले कभी अंडे नहीं देखे थे। उनके घरवालों ने भी उनको अंडों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। उनको पता नहीं था कि अंडों का आकार कितना बड़ा होता है ? अंडे किस रंग के होते हैं? उनमें बच्चे कैसे पैदा होते हैं? वे क्या खाते हैं? उनका घोसला कैसा होता है ? बच्चों के मन में इस तरह के सवाल स्वाभाविक ही थे|