Social Sciences, asked by Brainlybarbiedoll, 1 year ago

✴️ Hii friend's✴️

"Contribution of India in satellite launching"

Plz explain this topic in hindi

Word limit-: (200-300)

Plz give quality answer's

Don't copy from Google

explain it in ur own words...

Be brainly.....☺️

@Soma❤️


PratikRatna: just stop chatting here. otherwise we will take action against you all
PratikRatna: okay! but no more comments please

Answers

Answered by PratikRatna
11
Hello Soma...
Good morning...
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I am giving the answer in hindi language as you requested.
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हमें यह बताते हुए बेहद गर्व एवं ख़ुशी महसूस हो रही है की हमारा देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी एक नई पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। हमारा देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले देशों की सूची में अव्वल स्थान पर काबिज हो चुका है। हमारे देश में कार्यरत "भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन" (इसरो) ने अंतरिक्ष में एक साथ 104 कृत्रिम उपग्रहों को प्रक्षेपित कर पुरे विश्व में एक अपूर्व कृतिमान स्थापित किया है।

वैसे तो भारत कृत्रिम उपग्रह के क्षेत्र में काफी समय से कार्यरत हैं। भारत ने 19 अप्रैल, 1975 को पहली अंतरिक्ष उपग्रह 'आर्यभट्ट' के लॉन्च के साथ अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया। इस अंतरिक्ष उपग्रह का नाम 5 वीं शताब्दी, आर्यभट्ट के महान भारतीय खगोलविद और गणितज्ञ के नाम पर रखा गया था। इसे सोवियत रॉकेट की मदद से एक सोवियत कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था।

दूसरा उपग्रह 'भास्कर' 7 जून 1979 को लॉन्च किया गया था। इसे सोवियत कॉस्मोड्रोम से भी लॉन्च किया गया था। इसका नाम दो प्रतिष्ठित व्यक्तित्व-भास्कर प्रथम और भास्कर द्वितीय के नाम पर रखा गया था। इसके बाद 'रोहिणी' एसएलवी -3, एक भारतीय रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में रखा गया पहला भारतीय उपग्रह था। इसे 9 जुलाई 1980 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। यह इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया था। यह एसएलवी -3 के मिशन की सफलता थी जिसने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को मान्यता दी।

भारत का चौथा उपग्रह रोहिणी द्वितीय 31 मई, 1981 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च वाहन एसएलवी -3 द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे 300 दिनों के लिए उपयोगी डेटा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसे भारत की पहली विकास रॉकेट उड़ान के रूप में जाना जाता था। दुर्भाग्य से, यह 8 जून, 1981 को अपने मिशन को पूरा किए बिना अंतरिक्ष में जला दिया गया। अंतरिक्ष में भारत का पांचवां उपग्रह भास्कर द्वितिय 20 नवंबर, 1981 को सोवियत कॉस्मोड्रोम वोल्गोग्राड से लॉन्च किया गया था। यह पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था। यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम मुख्य रूप से महान वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई के दृष्टिकोण से प्रेरित है। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पिता के रूप में माना जाता है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक लाभों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देना है।

इसके बाद भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में लगातार प्रगति की। इसने आईएनएसएटी श्रृंखला उपग्रह लॉन्च किया जिसने राष्ट्र की शिष्टता में भारत की स्थिति को मजबूत बना दिया। वाहन और दूरसंचार लॉन्च करने के मामले में भारत अब आत्मनिर्भर हो गया है। अब भारत अन्य देशों को दूरसंचार सेवाएं प्रदान करता है। आईआरएस, एएसएलवी, पीएसएलवी जैसे उपग्रहों की शुरूआत ने भारत को चार देशों - यूएसए, रूस, फ्रांस और इज़राइल के विशिष्ट क्लब में रखा है। कप्तान राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री थे। अब हमारा देश दुनिया के देशों में एक सम्मानजनक स्थिति का आनंद लेता है।
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Hope it will help you...
Best of luck...

Thanks !!!
Regards - Pratik Ratna ✌️✌️✌️

pawanarora1: hiii
pawanarora1: sneha
pawanarora1: hii
PratikRatna: thanks
kavya139: ossummmmmm ans.....!!! Uh just rocked....!!!
Answered by vikram991
4
here is your answer OK

India’s Space Programme. India is fast progressing in the field of space research. It is emerging as a big name in this field. The country is now capable of launching its own spacecraft. In fact, it offers this service to many other countries. Now India has made landmark progress with the launch of Chandrayan for its moon mission.

India started its space programme with the launch of first space satellite ‘Aryabhatta’ on April 19, 1975. This space satellite was named after the great Indian astronomer and mathematician of the 5th century, Aryabhatta. It was launched from a soviet cosmodrome with the help of a Soviet rocket. It marked India’s giant leap and made her the eleventh country to join the space club.


The second satellite ‘Bhaskara’ was launched on June 7, 1979. It was also launched from a Soviet cosmodrome. It was named after two eminent personalities—Bhaskara I and Bhaskara II. It was followed by ‘Rohini’. It was the first Indian satellite put into the space by SLV-III, an Indian rocket. It was launched from Sriharikota in Andhra Pradesh on July 9, 1980. It was developed by the scientists of ISRO. It was the success of the mission of SLV-III which brought recognition to the space programme of India.

India’s fourth satellite Rohini II was launched by the launch vehicle SLV-III from Sriharikota on May 31, 1981. It was designed to provide useful data for 300 days. It was weighted 38 kg. It was known as India’s first development rocket flight. Unfortunately, it burnt in space on June 8, 1981, without completing its mission. Bhaskara II, India’s fifth satellite in space, was launched on November 20, 1981 from Soviet cosmodrome Volgograd. It was the earth observation satellite. It was a milestone in the space journey of India as it brought to India the honour of being a space nation.

kavya139: superb....!!
vikram991: thanks
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