Hindi, asked by zoya0710, 1 year ago

hiiiii friends. .....

Please provide me a best patriotic poem for poem recitation competition of about 3 minutes for class 11th........
In hindi .......

Write the complete poem

Please don't spam

❤ 50 POINTS ❤ ​

Answers

Answered by riteshkatore2005
1

I had given many poems choose which ever you want.

आज़ादी अभी अधूरी है।

पन्द्रह अगस्त का दिन कहता – आज़ादी अभी अधूरी है।

सपने सच होने बाक़ी हैं, राखी की शपथ न पूरी है॥

जिनकी लाशों पर पग धर कर आजादी भारत में आई।

वे अब तक हैं खानाबदोश ग़म की काली बदली छाई॥

कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आंधी-पानी सहते हैं।

उनसे पूछो, पन्द्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं॥

हिन्दू के नाते उनका दुख सुनते यदि तुम्हें लाज आती।

तो सीमा के उस पार चलो सभ्यता जहाँ कुचली जाती॥

इंसान जहाँ बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है।

इस्लाम सिसकियाँ भरता है,डालर मन में मुस्काता है॥

भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं।

सूखे कण्ठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥

लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया।

पख़्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन ग़ुलामी का साया॥

बस इसीलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी है।

कैसे उल्लास मनाऊँ मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥

दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुनः अखंड बनाएँगे।

गिलगित से गारो पर्वत तक आजादी पर्व मनाएँगे॥

उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें।

जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें॥

– अटल बिहारी वाजपेयी – Atal Bihari Vajpayee

Patriotic Poem 4

तिरंगा

हमारी शान है ये तिरंगा

ये विश्व भर में भारती की ये अमिट पहचान है।

ये तिरंगा हाथ में ले पग निरंतर ही बढ़े

ये तिरंगा हाथ में ले दुश्मनों से हम लड़े

ये तिरंगा दिल की धड़कन ये हमारी जान है

ये तिरंगा विश्व जन को सत्य का संदेश है

ये तिरंगा कह रहा है अमर भारत देश है

ये तिरंगा इस धरा पर शांति का संधान है

ये तिरंगा विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है

ये तिरंगा वीरता का गूँजता इक मंत्र है

ये तिरंगा वंदना है भारती का मान है

इसके रेषों में बुना बलिदानियों का नाम है

ये बनारस की सुबह है, ये अवध की शाम है

ये तिरंगा ही हमारे भाग्य का भगवान है

ये कभी मंदिर कभी ये गुरुओं का द्वारा लगे

चर्च का गुंबद कभी मस्जिद का मिनारा लगे

ये तिरंगा धर्म की हर राह का सम्मान है

ये तिरंगा स्वर्ग से सुंदर धरा कश्मीर है

ये तिरंगा झूमता कन्याकुमारी नीर है

ये तिरंगा माँ के होठों की मधुर मुस्कान है

ये तिरंगा बाईबल है भागवत का श्लोक है

ये तिरंगा आयत-ए-कुरआन का आलोक है

ये तिरंगा वेद की पावन ऋचा का ज्ञान है

ये तिरंगा देव नदियों का त्रिवेणी रूप है

ये तिरंगा सूर्य की पहली किरण की धूप है

ये तिरंगा भव्य हिमगिरि का अमर वरदान है

शीत की ठंडी हवा, ये ग्रीष्म का अंगार है

सावनी मौसम में मेघों का छलकता प्यार है

झंझावातों में लहरता ये गुणों की खान है

ये तिरंगा लता की इक कुहुकती आवाज़ है

ये रवि शंकर के हाथों में थिरकता साज़ है

टैगोर के जनगीत जन गण मन का ये गुणगान है

ये तिंरगा गांधी जी की शांति वाली खोज है

ये तिरंगा नेता जी के दिल से निकला ओज है

ये विवेकानंद जी का जगजयी अभियान है

रंग होली के हैं इसमें ईद जैसा प्यार है

चमक क्रिसमस की लिए यह दीप-सा त्यौहार है

ये तिरंगा कह रहा- ये संस्कृति महान है

ये तिरंगा अंदमानी काला पानी जेल है

ये तिरंगा शांति औ’ क्रांति का अनुपम मेल है

वीर सावरकर का ये इक साधना संगान है

ये तिरंगा शहीदों का जलियाँवाला बाग़ है

ये तिरंगा क्रांति वाली पुण्य पावन आग है

क्रांतिकारी चंद्रशेखर का ये स्वाभिमान है

रंग केसरिया बताता वीरता ही कर्म है

श्वेत रंग यह कह रहा है, शांति ही धर्म है

हरे रंग के स्नेह से ये मिट्टी ही धनवान है

ऋषि दयानंद के ये सत्य का प्रकाश है

महाकवि तुलसी के पूज्य राम का विश्वास है

ये तिरंगा वीर अर्जुन और ये हनुमान है

– राजेश चेतन

Patriotic Poem 5

तिरंगा लहराता है शान से

तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।

लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।

व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।

हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।

हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।

जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।

हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।

लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।

उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।

सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।

विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।


riteshkatore2005: was it helpful and thanks for 50 points
riteshkatore2005: thanks for marking as brainliest
Answered by Abhishek474241
4

\huge\star{\mathfrak\color{brown}{HELLO\:MATE}}\star

\color{brown}{HERE\:IS\:YR\:ANS}

चिर प्रणम्य यह पुण्य अह्न जय गाओ सुरगण,

आज अवतरित हुई चेतना भू पर नूतन!

नवभारत, फिर चीर युगों का तिमिर आवरण,

तरुण अरुण-सा उदित हुआ परिदीप्त कर भुवन!

सभ्य हुआ अब विश्व, सभ्य धरणी का जीवन,

आज खुले भारत के संग भू के जड़ बंधन!

शांत हुआ अब युग-युग का भौतिक संघर्षण

मुक्त चेतना भारत की यह करती घोषण!

आम्र मौर जाओ हे, कदली स्तंभ बनाओ,

पावन गंगा जल भर मंगल-कलश सजाओ!

नव अशोक पल्लव के बंदनवार बँधाओ,

जय भारत गाओ, स्वतंत्र जय भारत गाओ!

उन्नत लगता चंद्रकला-स्मित आज हिमाचल,

चिर समाधि से जाग उठे हों शंभुचिर प्रणम्य यह पुण्य अह्न जय गाओ सुरगण,

आज अवतरित हुई चेतना भू पर नूतन!

नवभारत, फिर चीर युगों का तिमिर आवरण,

तरुण अरुण-सा उदित हुआ परिदीप्त कर भुवन!

सभ्य हुआ अब विश्व, सभ्य धरणी का जीवन,

आज खुले भारत के संग भू के जड़ बंधन!

शांत हुआ अब युग-युग का भौतिक संघर्षण

मुक्त चेतना भारत की यह करती घोषण!

आम्र मौर जाओ हे, कदली स्तंभ बनाओ,

पावन गंगा जल भर मंगल-कलश सजाओ!

नव अशोक पल्लव के बंदनवार बँधाओ,

जय भारत गाओ, स्वतंत्र जय भारत गाओ!

उन्नत लगता चंद्रकला-स्मित आज हिमाचल,

चिर समाधि से जाग उठे हों शंभु

\fbox\color{brown}{HOPE\:IT\:HELPS}

\huge{\mathcal{THANKS}}

 <marquee >☝️ABHI♥️☝️

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