Hindi, asked by naitikagarwal15, 1 year ago

Himalay se Bharat ko kya kya Labh Hote in Hindi


naitikagarwal15: answer
kamli42091: hello
kamli42091: please chat with me

Answers

Answered by michaeljohnjohn85
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हिमालय का महत्व

हिमालय पर्वत विविध प्राकृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारणों से महत्वपूर्ण है।[15][16] हिमालय पर्वत का महत्व न केवल इसके आसपास के देशों के लिये हैं बल्कि पूरे विश्व के लिये हैं क्योंकि यह ध्रुवीय क्षेत्रों के बाद पृथ्वी पर सबसे बड़ा हिमाच्छादित क्षेत्र है जो विश्व जलवायु को भी प्रभावित करता है। इसके महत्व को निम्नवत वर्गीकृत किया जा सकता है:

प्राकृतिक महत्व

उत्तरी भारत का मैदान या सिन्धु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान हिमालय से लाये गये जलोढ़ निक्षेपों से निर्मित है।हिमालय का सबसे बड़ा महत्व दक्षिणी एशिया के क्षेत्रों के लिये हैं जहाँ की जलवायु के लिये यह एक महत्वपूर्ण नियंत्रक कारक के रूप में कार्य करता है। हिमालय की विशाल पर्वत शृंखलायें साइबेरियाई शीतल वायुराशियों को रोक कर भारतीय उपमहाद्वीप को जाड़ों में आधिक ठण्ढा होने से बचाती हैं।[16]यह पर्वत श्रेणियाँ मानसूनी पवनों के मार्ग में अवरोध उत्पान करके इस क्षेत्र में पर्वतीय वर्षा कराती हैं जिस पर इस क्षेत्र का पर्यावरण और अर्थव्यवस्था काफ़ी हद तक निर्भर हैं।हिमालय की उपस्थिति ही वह कारण है जिसकी वजह से भारतीय उपमहाद्वीप के उन क्षेत्रों में भी उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु पायी जाती है जो कर्क रेखा के उत्तर में स्थित हैं, अन्यथा इन क्षेत्रों में अक्षांशीय स्थिति के अनुसार समशीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु मिलनी चाहिए थी।हिमालय की वर्ष-पर्यंत हिमाच्छादित श्रेणियाँ और इनके हिमनद सदावाहिनी नदियों के स्रोत हैं जिनसे भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश को महत्वपूर्ण जल संसाधन उपलब्ध होते हैं।

आर्थिक महत्व



हिमाचल प्रदेश में खज्जियार मर्ग

वन संसाधनों के रूप में शीतोष्ण कटिबंधीय मुलायम लकड़ी वाली वनस्पति और शंक्वाकार वनों के स्रोत के रूप में जिसका काफ़ी आर्थिक महत्व है।अन्य विविध वनोपजें जैसे औषधीय पौधे, इत्यादि की प्राप्ति।चरागाह के रूप में हिमालय का महत्व है क्योंकि इसकी घाटियों में नर्म घास वाले क्षेत्र पाए जाते हैं। इन्हें पश्चिमी हिमालय में मर्ग और कुमायूँ क्षेत्र में बुग्याल तथा पयाल के नाम से जाना जाता है।



लेह का एक दृश्य

विविध खनिजों, जैसे चूना पत्थर, डोलोमाईट, स्लेट, चट्टानी नमक इत्यादि के स्रोत के रूप में।फलों की खेती के लिये।सिंचाई के स्रोत के रूप में सदावाहिनी नदियों का जलस्रोत।पर्यटन उद्योग और बहुत से पर्यटक केन्द्रों के लिये।जलविद्युत उत्पादन के लिये।

पर्यावरणीय महत्व



फूलों की घाटी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल जैवविविधता स्थल है

जैवविविधता भण्डार के रूप में हिमालय पर्वत काफ़ी महत्वपूर्ण है। कुछ जैव विविधता के प्रमुख क्षेत्र के रूप में फूलों की घाटी तथा अरुणाचल का पूर्वी हिमालय क्षेत्र हैं।[17]जलवायु पर वैश्विक प्रभाव।हिमालय के हिमनदों को आज जलवायु परिवर्तन के प्रमुख संकेतक के रूप में भी देखा जा रहा है।

सामरिक महत्वसंपादित करें

हिमालय क्षेत्र का दक्षिण एशिया के लिये हमेशा से सामरिक महत्व रहा है क्योंकि यह एक प्राकृतिक अवरोध है जो इसके उत्तर से सैन्य आक्रमणों को अल्पसंभाव्य बनाता है।वर्तमान समय में कश्मीर तथा सियाचिन विवाद इसी क्षेत्र में अवस्थित हैं। चीन द्वारा हिमालय के शिखरों से बनाई गयी प्राकृतिक सीमा रेखा, मैकमोहन रेखा को मान्यता देने से इनकार करना भी इसी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूराजनैतिक विवाद है।हिमालय की उच्च भूमि ही कारण है कि नेपाल आपनी बफर स्टेट की स्थित को सुरक्षित बनाये हुए हैं।

पर्यावरणसंपादित करें

हिमालय में उगने वाले पेड़ो और वहां रहने वाले जीव-जंतुओं की विविधता जलवायु, वर्षा, ऊंचाई और मिट्टी के अनुसार बदलती हैं। जहाँ नीचे जलवायु उष्णकटिबंधीय होती है, वहीं चोटी के पास स्थायी रूप से बर्फ जमी रहती है। कर्क रेखा के निकट स्थित होने के कारण स्थायी बर्फ का स्तर आमतौर पर लगभग 5500 मीटर (18,000 फीट) का होता है, जो की दुनिया में सबसे अधिक है। तुलना के लिए, न्यू गिनी के भूमध्य पहाड़ों में बर्फ का स्तर कुछ 900 मीटर (2950 फीट) नीचे है। वार्षिक वर्षा की मात्रा (पहाड़ों की दक्षिणी तरफ़) पश्चिम से पूर्व बढती चली जाती है।


Answered by Priatouri
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हिमालय से भारत को होने वाले लाभ निमिन्लिखित हैं:

1. हिमालय भारत की प्राकृतिक बाधाओं के रूप में कार्य करता है। वे हमारे देश को मध्य एशिया से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं से बचाते हैं।

2. हिमालय उत्तरी भारत की सभी महान नदियों का स्रोत है। गर्मियों में हिमालय पर बर्फ पिघल जाती है और वर्ष भर इन नदियों को पानी प्रदान करती है।

3. कई उपयोगी जड़ी-बूटियां जो दवाओं के रूप में उपयोग की जाती हैं, हिमालय की ढलानों पर बढ़ती हैं। हिमालय की ढलानों पर भी चाय उगाई जाती है। भारत चाय का एक बड़ा उत्पादक हैI

4. उत्तरी भारत के सभी खूबसूरत सुन्दर पहाड़ियां जैसे पहलगाम, श्रीनगर, शिमला, गुलमर्ग, , कुल्लू, मनाली, नैनीताल, देहरादून, आदि हिमालय में स्थित हैं। इन हिल स्टेशनों पर हजारों आगंतुक आते हैं।  जिससे भारत को आय होती हैं I

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