himalaya aur hum poem bhavarth
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Answer:यह कविता "हिमालय और हम" गोपाल सिंह नेपाली द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि ने हमारे और हिमालय के बीच की कुछ सामान बातों का वर्णन किया है। कवि कहता है कि हिमालय धरती के सबसे बड़े पर्वतों में से एक है। हिमालय धरती के ताज की तरह है। जिस तरह हिमालय अपना सिर किसी के आगे नहीं झुकाता ठीक उसी तरह हम भारतीय भी किसी के आगे नहीं झुकते।
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Explanation:
bhavarth of 5th paragraph
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