Hindi anuvaad karein-
करणी की गति और है, कथनी की औरै। बिन करणी कथनी कथै, बकवादी बौरै।। करणी बिन कथनी इसी, ज्यों शशि बिन रजनी। बिन शस्तर ज्यों शूरमा, भूषण बिन सजनी।। ज्यों पंडित कथि-कथि भले, वैराग सुनावै। आप कुटुंब के फँद पड़े, नाहीं सुरझावै।। बाँझ झुलावै पालना, बालक नहिं माहीं। > वस्तु विहीना जानिए जहाँ करणी नाहीं।। > बहुडिंभी करणी बिना, कथि-कथि करि मूये। संतों कथि करणी करी, हरि की सम हूये।। शुकदेवजी, चरणदास विचारो। करणी रहनी दृढ़ गहो, थोथी कथनी डारो।।
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