hindi bhasha ka vikash ki parkriya spasht kijiye
Answers
Answered by
1
Answer:
भाषावैशिक दृष्टि से अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है। पूर्वी हिन्दी अतः कहा जा सकता है कि हिन्दी भाषा का विकास अपभ्रंश के शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी रूपों से हुआ है। कवियों ने अपनी वाणी को जन-जन तक पहुंचाने के लिये हिन्दी का सहारा लिया।
Explanation:
HOPE IT IS HELPFUL !!
PLEASE MARK AS BRAINLIEST !!
Similar questions