Hindi, asked by ankushkumar14043, 10 months ago

Hindi chapter 4 kathputli questions answer

Answers

Answered by anushkasinha98
1

Answer:

पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,

इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है।

Answered by christ14
10

Answer:

प्रश्न 1.

कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?

उत्तर-

कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि उसे सदैव दूसरों के इशारों पर नाचना पड़ता है और वह लंबे अर्से से धागे में बँधी है। वह अपने पाँवों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनना चाहती है। धागे में बँधना उसे पराधीनता लगता है, इसीलिए उसे गुस्सा आता है।

प्रश्न 2.

कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?[Imp.]

उत्तर

कठपुतली स्वतंत्र होकर अपने पाँवों पर खड़ी होना चाहती है लेकिन खड़ी नहीं होती क्योंकि जब उस पर सभी कठपुतलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है तो वह डर जाती है। उसे ऐसा लगता है कि कहीं उसका उठाया गया कदम सबको मुश्किल में न डाल दे।

प्रश्न 3.

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगीं?

उत्तर-

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को बहुत अच्छी लगी, क्योंकि वे भी स्वतंत्र होना चाहती थीं और अपनी पाँव । पर खड़ी होना चाहती थी। अपने मनमर्जी के अनुसार चलना चाहती थीं। पराधीन रहना किसी को पसंद नहीं। यही कारण था कि वह पहली कठपुतली की बात से सहमत थी।

प्रश्न 4.

पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि-‘ये धागे / क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? / इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि-‘ये कैसी इच्छा / मेरे मन में जगी ?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए

उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महससू होने लगी।

उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।

वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।

वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।

उत्तर-

पहली कठपुतली गुलामी का जीवन जीते-जीते दुखी हो गई थी। धागों में बँधी कठपुतलियाँ दूसरों के इशारे पर नाचना ही अपना जीवन मानती हैं लेकिन एक बार एक कठपुतली ने विद्रोह कर दिया। उसके मन में शीघ्र ही स्वतंत्र होने की लालसा जाग्रत हुई, अतः उसने आजादी के लिए अपनी इच्छा जताई, लेकिन सारी कठपुतलियाँ उसके हाँ में हाँ मिलाने लगी और उनके नेतृत्व में विद्रोह के लिए तैयार होने लगी, लेकिन जब उसे अपने ऊपर दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी का अहसास हुआ तो वह डर गई, उसे ऐसा लगने लगा न जाने स्वतंत्रता का जीवन भी कैसा होगा? यही कारण था कि पहली कठपुतली चिंतित होकर अपने फैसले के विषय में सोचने लगी।

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