hindi class 11th पद साखी व्याख्या बताए
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व्याख्या - कबीरदास जी प्रस्तुत दोहें में कहते हैं कि लोग बाहरी दिखावें के लिए साधू का वेश धारण करते हैं ,लेकिन मन से साधू नहीं होते हैं . अतः हमें वेश भूषा से साधू नहीं बल्कि मन से साधू होना चाहिए . मन से साधू होने पर ही परमात्मा की प्राप्ति होती है।
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व्याख्या - कबीरदास जी प्रस्तुत दोहें में कहते हैं कि लोग बाहरी दिखावें के लिए साधू का वेश धारण करते हैं ,लेकिन मन से साधू नहीं होते हैं . अतः हमें वेश भूषा से साधू नहीं बल्कि मन से साधू होना चाहिए . मन से साधू होने पर ही परमात्मा की प्राप्ति होती है .
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