Hindi debate on fast food
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आज दुनिया भर में फास्ट फूड को कोसा जा रहा है। मोटापा, बीपी, डायाबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों की जड़ फास्ट फूड को बताया जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि जिस तरह से आज आधुनिक समय में फास्ट फूड या तुरंत तैयार होने वाला या झटपट खाना बनाने में तमाम ऐसी चीजें डाली जाती हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। पर हमारे यहां की चाट, मठरी, कचौड़ी, समोसे भी अगर रोज खाए जाएं तो स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाएगा। तो फिर दिक्कत कहां है?
असल में हमारे समाज में पहले ऐसी तली-भुनी लेकिन स्वादिष्ट चीजें तीज-त्यौहारों पर ही बना करती थीं। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब ऐसे फूड जॉइंट, टेक अवे, रेस्तरां वगैरह बन गए हैं जहां ऐसी चीजें चौबीसों घंटे मिल जाती हैं। इनका प्रचार भी ऐसे किया जाता है कि जब चाहे, जहां चाहे इन्हें खाएं। अगर दिनभर ऐसी हाई कैलोरी, तेज नमक, शक्कर वाली चीजों को जमकर खाया जाएगा तो नुकसान तो होगा ही। तो फिर गलती किसकी है? बर्गर की या हमारी, हमने पूछा कुछ दोस्तों से :
फूड बदला तो खाने की आदत भ but but
बदलते समय के साथ सारे ट्रेंड भी बदलते हैं और फूड भी जायज है अपडेट हो रहा है। अब ऐसे में ये उम्मीद रखना कि इस लैपटॉप युग में हम खाएं सत्तू और रोटी तो यह मुमकिन नहीं है। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ बुरा है। लोगों के पास आज कई तरह के ऑप्शंस उपलब्ध हैं। इतनी तमाम सारी वैरायटीज हैं, जाहिर है कि उनकी रुचि भी नए-नए पकवानों के लिए बढ़ेगी। अब फास्ट फूड हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं।
-अजितेश, गोमतीनगर
सेहत से खिलवाड़ ठीक नहीं है
स्वाद के नाम पर जो सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है उसका क्या? सिर्फ जल्दबाजी के नाम पर पेट को डस्टबिन बनाकर कुछ भी ठूंस देना सही नहीं है। यह सिर्फ एक खराब आदत है। फास्ट फूड हमारी हेल्थ को कितना नुकसान पहुंचाता है यह हर दिन हम सुनते हैं, पढ़ते हैं पर अपनी आदत के चलते इसे खाने से नहीं चूकते। आज दुनिया भर में लोग फास्ट फूड के नुकसान झेल रहे हैं।
-नमिता, इंदिरानगर
जल्दबाजी का नतीजा है फास्ट फूड
मेरा मानना है कि इस भागती हुई लाइफ में हर किसी को इंस्टेंट सॉल्यूशन चाहिए। फिर भले ही सेहत से समझौता क्यों न हो जाए। यह बहुत ही अनुचित मानसिकता है। जल्दबाजी के चलते हमने खराब आदतें पाल ली हैं। इसके पोषक तत्व नहीं होते। शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स और विटामिन का किसी भी खाने में होना जरूरी है। फास्ट फूड में दूर-दूर तक इसकी मौजूदगी नहीं होती इस लिहाज से फास्ट फूड सही नहीं है।
-पियूष, गोमतीनगर
यह तो अपनी-अपनी पसंद है
मेरी राय में यह एक व्यक्ति की पर्सनल चॉयस है कि उसे क्या खाना पसंद है क्या नहीं। फास्ट फूड खाने में चटपटा और जायकेदार होता है। बच्चे से लेकर बड़ों तक को पसंद होता है। इसकी सबसे खास बात यह होती है कि यह कम समय में उपलब्ध हो जाता है। बनाने में भी आसान है और खाने में भी।टिफिन में हो या रेस्टोरेंट में, यह सबकी पहली पसंद है। आई लव यू फास्ट फूड।
-गौरव आनंद, एलयू
राम: फास्ट फूड आज पूरे विश्व मैं बहुत पसंद किया जा रहा है I
श्याम: ऐसा नहीं है I आज भी दुनिया में ऐसे लोग हैं जो फास्टफूड को देखते तक नहीं है I
राम: किंतु यदि दोनों लोग दोनों प्रकार के लोगों का तुलना की जाए तो हम पाएंगे कि फास्ट फूड खाने वाले लोगों की संख्या अधिक है I
श्याम: हाँ हो सकता है परंतु उन लोगों में बच्चों और युवाओं की संख्या ही अधिक होगी I जिन्हें अपने से कुछ कार्य करना नहीं आता है और या तो उनके पास बिल्कुल समय नहीं हैI
राम: तो यह तो अच्छी बात हुई ना कि यह लोगों को जब उन्हें भूख होती है तब मिल जाता है और वे इसे खाकर अपनी भूख शीघ्र मिटा सकते हैं I
श्याम: हाँ यह बात एकदम सही है किंतु इसके कुछ हानिकारक प्रभाव है जिनके बारे में तुम्हें शायद नहीं पता है तो मैं बता दूं कि अधिकतर फास्ट फूड मैदे का उपयोग से बनाए जाते हैं और हम जानते हैं कि मैदा हमारे शरीर के लिए कितना हानिकारक और नुकसानदेह होता है I ये लोगों के पाचन शक्ति को खत्म करता है और नए रोगो को जन्म देता है, जैसे पाचन संबंधी रोग या पेड़ से संबंधित बीमारियां I
राम: यह सब फालतू की बातें है