Hindi debate(vaad-vivad) on topic- ""GETTING FULL MARKS IS NECESSARY FOR EACH STUDENT IN THE WORLD"""------AGAINST THE MOTION FOR CLASS 10TH I AM IN10TH.
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आजकल परीक्षा को योग्यता जांचने का तरीका समझा जाता है। अंकों को व्यक्ति की बुद्धिमता का मापदंड माना जाने लगा है। परीक्षा में उत्तीर्ण होना और अच्छे अंक पाना व्यक्ति की सफलता का सूचक है। इसलिए जो विद्यार्थी पुस्तक पढ़कर उत्तीर्ण हो जाते हैं उनको कक्षा में श्रेष्ठ माना जाता है।
आज परीक्षा विद्यार्थियों के लिए भय का कारण बन गयी है। तनाव पूर्ण जीवन के कारण उनके मस्तिष्क पर अधिक भार हो गया है। जिसके कारण अनेक विद्यार्थी परीक्षा में इतने अच्छे अंक नहीं प्राप्त करते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि वे योग्य नहीं हैं।
शिक्षा सिर्फ पुस्तकों से संबंधित नहीं है। वह केवल पुस्तकों के ज्ञान तक सीमित नहीं है। प्रतिदिन के जीवन के लिए सामान्य ज्ञान आवश्यक है। ज्ञान को आचरण में लाने वाला अधिक शिक्षित माना जायेगा। उसके सामने सिर्फ अधिक अंक पाने वाले, लेकिन वास्तविक जीवन में असफल होने वाले विद्यार्थी का कुछ महत्व नहीं है।
योग्यता मापने के लिए विद्यार्थी के अन्य गुणों को भी देखना चाहिए।
कला में निपुण, खेल कूद में आगे, भाषण देने, नाट्य कला, गायन आदि में कुशल विद्यार्थियों
को भी अधिक योग्य मानना चाहिए। जो विद्यार्थी तकनीकी या अन्य काम सहजता से सीख
लेते हैं वे भी योग्य हैं क्योंकि नौकरी के लिए सिर्फ उनके अंक नहीं बल्कि उनकी
कार्य कुशलता भी देखी जाती है। इसलिए पूर्ण अंक प्राप्त करना
योग्यता का सूचक नहीं है।