Hindi, asked by mitreshgiri1596, 7 months ago

Hindi essay lalach Buri Bala Hai

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Answered by 26dipikarani
5

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nice question i give answer and i hope it help you

Explanation:

A. लालच बुरी बला है (अमोल, कक्षा नौ)

"लालच बुरी बला है"- किसी ने सच ही कहा है। लालच करने से आज तक किसी का भी भला नहीं हो पाया है और इसलिए ही शायद यह कहा गया है कि संतोष से काम करने में सफलता मिलती है। ऐसा ही कुछ हमारे गाँव में रहने वाले गंगाराम जी के साथ हुआ । गंगाराम जो दीनापुर नामक गाँव में रहता था । उसके पास कुछ गाय-भैंसें थीं जिनकी देखभाल करके, उन्हीं से अपनी ज़िंदगी बसर किया करता था ।

एक दिन गंगाराम दूध दुह रहा था। दूध दोहते-दोहते उसे लगा कि उसे अपनी ज़िंदगी में चार पैसे ज़्यादा कमाने चाहिए और वह सोचने लगा कि उसे इसके लिए क्या करना चाहिए? उस दिन गंगाराम बहुत अच्छे मूड में लग रहा था । उसे भी अमीर बनने का चाव था क्योंकि वह अपनी गरीबी से बहुत दु:खी हो गया था ।

उस दिन कुछ ज्याद ही दूध दिया था गाय-भैंसों ने । शायद इसलिए ही गंगाराम भी बहुत खुश था । फिर वह सोचने लगा कि इस सारे दूध को बेचकर वह खूब सारे पैसे लाएगा और उससे एक अच्छी-सी स्वस्थ भैंस खरीदेगा । उस भैंस से उसे और ज़्यादा दूध मिलेगा फिर वह दूध से दही जमा देगा, दही के तो उसे और भी अच्छे दाम मिलेंगे फिर उसी दूध से बनी दही से छाछ बनाकर वह मक्खन और घी भी निकाल सकता है। घी के दाम तो आजकल बाज़ार में बहुत ऊँचे हैं। उससे उसे बहुत अच्छा पैसा मिलेगा और उस पैसे से वह कुछ और गायें और भैंसें खरीद लेगा । इस प्रकार वह एक दिन बहुत अमीर बन जाएगा । यही सब कुछ सोचते-सोचते वह अपनी गायों और भैंसों को ज़्यादा दूध देने की दवाइयाँ खिलाने लगा । कुछ सप्ताह तक तो गायों और भैंसों ने अच्छा दूध दिया लेकिन दवाइयाँ ज्यादा खा लेने की वजह से उसकी सारी गायें और भैंसें एक-एक करके बीमार पड़ने लगीं और उनमें से दो की तो मृत्यु ही हो गई।

अब गंगाराम को बहुत दु:ख हुआ और उसे पछतावा होने लगा कि उसने अधिक पाने की जगह गँवाने का काम किया है । जितना दूध उसे अपनी भैंसों और गायों से मिलता था, अब दवाइयाँ खिलाने के बाद भी उतना दूध उसे नहीं मिल रहा है।

गंगाराम को एहसास हो गया कि "लालच बुरी बला है।" जो उसने किया है, उसे वह सब नहीं करना चाहिए था ।

B. लालच बुरी बला है अथवा लालच बहुत ही बड़ी मुसीबत है (आर्य, कक्षा ८)

एक गाँव में मन्नु नाम का एक बच्चा रहता था। वह बहुत गरीब था और वह स्कूल भी नहीं जाता था। हर दिन वह अपने पिता के साथ काम करने जाता था। उसे स्कूल जाना था दूसरे बच्चों जैसे। उसे स्कूल में पढ़ना था और मज़े से खेलना था।एक बात थी मनु के बारे में कि वह अपने माता या पिता दोनों जैसे नहीं दिखता था। एक दिन जब वह अपने पिता के साथ काम करने गया, उस दिन गाँव में शहर से दो लोग आए एक पति और पत्नी। उन्होंने मन्नु के बारे में पूछा। जब उन्हें पता चला कि मन्नु बाहर गया है तो उन्होंने कहा कि वे अगले दिन आएंगे मन्नु से मिलने के लिए।

घर आने के बाद जब मन्नु को यह पता चला तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ कि कोई उसके बारे में पूछ रहा था। उसने सोचा," मुझ जैसे बच्चे को कौन देखना चाहता होगा।" अगले दिन जब वही दम्पति आए तो मन्नु उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ क्योंकि उन्होंने बताया कि मन्नु उनका ही बेटा है। दम्पति बहुत ही अमीर लग रहा था । उन्होंने कहा कि वे मन्नु को दस साल से ढूँढ रहे हैं।

वे मन्नु को लेकर शहर गए। पर अब मन्नु तो मन्नु नहीं था, अब उसका नाम उसके माता-पिता ने राकेश रख दिया था। अब राकेश अपने माता-पिता के साथ रहते हुए बहुत खुश था । वह स्कूल जाने लगा था और मज़े कर रहा था। उसके पास एक एक्स बॉक्स भी था।

लेकिन कुछ दिनों के बाद उसे पढ़ाई अच्छी न लगी। उसे अब एक्स बॉक्स के साथ खेलने से भी मज़ा नहीं आता था। अब वह लालची हो गया था, जो भी चीज़ वह देखता तो उसे माँगता और नहीं मिलने पर वह चिल्लाता। उसके नए माता-पिता बहुत खुश थे कि उनका बेटा उन्हें मिल गया, इसलिए वे उसे बहुत खुश देखना चाहते थे और इस कारण उसे सब कुछ दिलाते थे जो भी वह उनसे माँगता था ।

पर कूच दिनों बाद वे भी उसकी रोज़-रोज़ की माँगों से थक गए। राकेश तो अब बहुत चिल्लाने लगा था, स्कूल में कक्षा में भी नहीं जाता था। कहीं और जाकर खेलता रहता था। इस तरह राकेश लालची होता जा रहा था। वह अब अपनी मनपसन्द चीज़ें खरीदने के लिए माता-पिता के बैग से पैसे चुराया करता था। जब माता-पिता को यह पता चला तो उन्हें उस पर बहुत गुस्सा आया और उन्होंने राकेश को फिर से उसी गाँव में छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि वह एक लालची बेटे के बिना रहना पसन्द करेंगे।

इस प्रकार अगर कोई भी लालची होगा तो उसके साथ कभी अच्छा नहीं होगा क्योंकि लालच बुरी बला है। एक बार जब कोई लालच में पड़ जाता है तो उसका यह लालच आसानी से खत्म नहीं होता। लालची को पता नहीं चलता कि उसे कब रुकना है और वे इस प्रकार बहुत ज़्यादा मुश्किल में पड़ते हैं। इसलिए ही हमें याद रखना चाहिए कि "लालच बुरी बला है।" 

Answered by Rajeshraut3030
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Explanation:

आज अगर दुनिया में किसी भी रिश्ते में लालच है तो यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल पाता,हमें लालच को त्याग देना चाहिए,जब भी कोई इंसान लालच करता है तो कहीं ना कहीं उसका ही नुकसान होता है,लालच के कारण हमारी संपत्ति,जायदाद,रिश्ते-नाते सभी बिगड़ जाते हैं इसलिए हमें लालच को अपने जिंदगी के हिस्से से बिल्कुल पूरी तरह से निकाल देना चाहिए.

दोस्तों एक इंसान अपनी जिंदगी में अगर लालच करता है तो कुछ समय के लिए ही फायदा होगा बाद में उससे नुकसान होता है,दोस्तों मान लेते हैं आप किसी रिश्ते में हैं जैसे कि आप अपने मां-बाप से लालच करके कुछ चीज हासिल करना चाहते हो या फिर आप अपने दोस्तों से उस थोड़े से लालच के वजह से धोखा दे रहे हैं या फिर आप अपने भाई बहन के रिश्ते में किसी लालच के वजह से उनको धोखा दे रहे हैं या फिर पति-पत्नी के रिश्ते में आप किसी लालच के चलते अपने रिश्ते को धोखा दे रहे हैं तो दोस्तों ये पक्का है कि आने वाले समय में आपके साथ बुरा होने वाला है क्योंकि लालच बुरी बला है और इससे बुरा कुछ भी नहीं हो सकता,अगर कोई चीज थोड़ी बहुत हो तो चल जाता है लेकिन अति हर चीज की बुरी होती,अगर कोई इंसान थोड़ा बहुत लालच करें तो ज्यादा कोई नुकसान नहीं है लेकिन अगर उसका लालच बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो उसके लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होता है.

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