hindi essay of 500 words on the difficulties the students faced
due to Covid 19
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शिक्षा पर काराना
वषाण का प्रभाव
शिक्षा का वास्तविक अर्थ है- सीख | जिससे मनुष्य का
विवेक जाग्रत होता है । यह शिक्षा ना जाने कैसे परिवर्तित
होती चली गई और अपने मूलरूप से पूरी तरह बदल गई ।
शिक्षा अब 'अर्थ' से जुड़ गई अर्थात शिक्षा का उद्देश्य
'धन अर्जित' करना हो गया । नैतिकता से शिक्षा का कोई
नाता जा रहा । शिक्षा प्रोफेशनलिज्म से गईं।
ये जीवन की भाग-दौड़ चल ही रही थी कि
कोरोना महामारी से अचानक सब रुक गया, थम गया |स्कूल
कॉलेजबंद, पार्क, रेस्टोरेंट1शटर डाउन हो गया । बस, रेल,
होटल सब काहवाई जहाज, टेक्सी
सब बंद | बंद हो गया मनुष्य घर की चार दीवारी मेफिर जबफिर जब लगा कि घर बैठे-बैठे सHD कप 67%ज्यादा ही हो गया है तो फिर से नये नये तरीके से काम शुरू करने का जुगाड़ शुरू हुआ | जिन स्कूल, कॉलेज के केम्पस में मोबाइल निषेध' के बोर्ड लगे थे वो मोबाइल पर ही कॉलेज खोल बैठे | पूरी दुनिया इन्टरनेट व मोबाइल के बीच सिमट गई 1 जूम, गूगल क्लास
-रूम पर पढ़ाई शुरू हुई। बच्चे घण्टों मोबाइल वलेपटाप के आगे बैठे रहते परीक्षाएँ कई जगह,ऑनलाइन करवाई गई, या तो कई जगह विद्यार्थियोंको आगे कीकक्षा में प्रमोट किया गया ।
सबसे अच्छी बात यही है कि इतनेसालों में पहली बार इतने
66 % ज्यादा ही हो गया है तो फिर से नये नये तरीके से
काम शुरू करने का जुगाड शुरू हुआ | जिन स्कूल
कॉलेज के केम्पस में मोबाइल निषेध' के बोर्ड लगे थे
वो मोबाइल पर ही कॉलेज खोल बैठे | पूरी दुनिया
इन्टरनेट व मोबाइल के बीच सिमट गई
-रूम पर पढ़ाई शुरू हुई बच्चे घण्टों मोबाइल व
जूम, गूगल क्ल लेपटाप के आगे बैठे रहते । परीक्षाएँ कई जगह
ऑनलाइन करवाई गई या तो कई जगह विद्यार्थियोंको आगे की
आगे की कक्षा में प्रमोट किया गया |सबसे अच्छी बात यही है कि सालों में पहली बार इतने समय सब घर पर साथ
रहे । परीक्षा से ज्यादा शिक्षा महत्वपूर्ण है । शिक्षा वह
भी नैतिकता की | जो किसी वास्तविक या वर्चुअल
क्लासरूम में नहीं दी जा सकती