Hindi essay on dahej pratha vardan ya abhishap for class 7 400 words
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दहेज प्रथा एक सामाजिक अभिशाप है जो की समाज के आदर्शवादी होने पर सवाल्या निशाँ लगा देता है| दहेज लेने या देने को दहेज प्रथा कहा जाता है|
लड़की की शादी के समय लड़की के परिवार वालों के द्वारा लड़के या उसके परिवार वालों को नगद या किसी भी प्रकार की किमती चीज़ बिना मूल्य में देने को दहेज़ कहा जाता है| जिसका अर्थ लड़के की परिवार वालों के द्वारा लड़के की मूल्य भी समझा जा सकता है| दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या है| दहेज प्रथा गैर कानूनी होने के बावजूद भी ये हमारे समाज में खुली तौर पर राज़ करती है|
महात्मा गाँधी ने दहेज प्रथा के बारे में कहा था की
जो भी व्यक्ति दहेज को शादी की जरुरी सर्त बना देता है , वह अपने शिक्षा और अपने देश की बदनाम करता है, और साथ ही पूरी महिला जात का भी अपमान करता है |
ये बात महात्मा गाँधी ने देश की आजादी से पहले कही थी| लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी दहेज प्रथा को निभायी जाती है| हमारे सभ्य समाज के गाल पर इससे बड़ा तमाचा और क्या हो सकता है?
दहेज प्रथा को बढ़ावा देने में समाज की ही अहम् भूमिका है | वह समाज ही है जो की दहेज प्रथा की जड़ को मजबूत कर रही है|
दहेज प्रथा की कई कारण हें, जैसे की–
इ-शादी की विज्ञापन से फैलती दहेज प्रथा-
आज के इन्टरनेट युग में शादी के लिए लड़का-लड़की इन्टरनेट के माध्यम से भी खोजे जाते हें| इस प्रकार की विज्ञापनों में लड़की की परिवार वाले कई बार अच्छे लड़के की आश में अपना स्टेटस और कमाई को ज्यादा बताने की भूल कर बैठते हें, जो की लड़के वालों में कभी कभी लोभ आ जाता है| इस प्रकार की लोभ शादी के बाद मांग में बदल जाते हें, जो की धीरे धीरे दहेज प्रथा को पनपने देता हें| और दहेज की मांग होने लगती है|
2. समाज में पुरुष प्रधान की लहर से फैलती देहेज प्रथा-
हमारे समाज पुरुष प्रधान है| बचपन से ही लड़कियों की मन में ये बात बिठा दिया जाता है की लडके ही घर के अन्दर और बाहर प्रधान हें, और लड़कियों को उनकी आदर और इज्ज़त करनी चाहिए| इस प्रकार की अंधविश्वास और दक्क्यानूसी सोच लड़कियों की लड़कों के अत्याचार के खिलाफ अवाज़ उठाने की साहस की गला घूंट देते हें| और इससे बढती है लड़कियों पर अत्याचार और रूप लेता है विभिन्न मांगों की, जो की दहेज प्रथा का रास्ता खोल देता है|
3. समाज में अपनी झूठी स्टेटस से फैलती दहेज प्रथा-
जी हाँ, चौंकाने वाला पर सच| ऊँचे समाज में आज कल अपना सोशल स्टेटस की काफी कम्पटीशन चल रही है| बेटी की शादी में ज्यादा से ज्यादा खर्च करना, महँगी तोहफे देना, लड़के वालों को मांग से ज्यादा तोहफे देना, आदि लड़के वालों के मन को कई बार छू जाता है| ये आदतें धीरे धीरे लड़की पर दबाव बना देती है| शादी के बाद भी लड़के वालों की इस तरह के तोहफों की लत लग जाती है, जो की धीरे धीरे मांग की रफ़्तार को और आगे ले जाती है| और इसी झूठी शान के चलते हम जाने अनजाने में दहेज प्रथा को पनपने देते हैं|
4 . लड़की की सुन्दरता या कोई कमी कई बार दहेज की रस्म को निभा जाती है-
कई बार दहेज प्रथा खुद लड़की की माँ बाप की गलती से भी पनपता है| अगर लड़की की सुन्दरता में कोई कमी है या फिर लड़की की किसी भी कमी के कारण शादी में दिक्कत आती है, तो माँ- बाप लड़की की शादी को तुरंत करवाने की आड़ में दहेज देना आरम्भ कर देते हें| और ये बात दहेज प्रथा को हवा देती है|
दहेज प्रथा के कारण तो अनगिनत हैं, लेकिन अब वक़्त आ गया है की हमे कारणों की नहीं, दहेज प्रथा के समाधान के बारे में सोचें|
दहेज प्रथा के बुरे असर हें
1.दहेज प्रथा के कारण होती लड़कियों के साथ अन्याय
2. दहेज प्रथा के कारण लड़कियों पर अत्याचार
3. देहेज प्रथा से बढती लड़का लड़की में अंतर
दहेज़ प्रथा रोकने के उपाय
दहेज प्रथा हमारे समाज को खोंखला और बेमतलब बना रही है| ये प्रथा हमारे ही जिंदगी को तबाह कर रही है| लेकिन अब वक़्त आ गया है की हमे दहेज प्रथा के खिलाफ एक जूट हो कर अपना आवाज़ बुलंद करना है|
हर समस्या का समाधान उसके अन्दर ही है| इस तरह से दहेज प्रथा का समाधान भी इसी प्रथा में ही है, बस दहेज लेने और देने की आदत को “हाँ” से “ना” में बदलना है|
दहेज प्रथा पर अन्तिम चर्चा
दहेज प्रथा हमारे समाज को हमारा नहीं छोड़ा | ये प्रथा पुरे समाज को अपने वस में कर खोखला बना चुका है | वक़्त आ गया है इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की| वक़्त आ गया है दहेज प्रथा के क़ानून कि सख्ति से इस्तेमीलकरने की| देहेज प्रथा के कारण आज भी हमारा समाज पिछडा हुआ है| लड़का और लड़की में अंतर मानते हें|
तो चलिए एक मुहीम छेड़ें देहेज प्रथा के खिलाफ| अगर आप के मन में दहेज प्रथा के बारे में कोई जानकारी है तो प्लीज निचे हमे लिख के जरुर भेजें ताकि आप कि कही हुई शायद कोई छोटी सी बात कई जिंदगियों को तबाह होने से बचा दे| दहेज की आदत को हमे जड़ से उखाड़ फेंकना है और एक स्वच्छ भारत की गठन करना है|
हमे अपने सुझाव जरुर दें | और दहेज प्रथा को “ना” बोले|
लड़की की शादी के समय लड़की के परिवार वालों के द्वारा लड़के या उसके परिवार वालों को नगद या किसी भी प्रकार की किमती चीज़ बिना मूल्य में देने को दहेज़ कहा जाता है| जिसका अर्थ लड़के की परिवार वालों के द्वारा लड़के की मूल्य भी समझा जा सकता है| दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या है| दहेज प्रथा गैर कानूनी होने के बावजूद भी ये हमारे समाज में खुली तौर पर राज़ करती है|
महात्मा गाँधी ने दहेज प्रथा के बारे में कहा था की
जो भी व्यक्ति दहेज को शादी की जरुरी सर्त बना देता है , वह अपने शिक्षा और अपने देश की बदनाम करता है, और साथ ही पूरी महिला जात का भी अपमान करता है |
ये बात महात्मा गाँधी ने देश की आजादी से पहले कही थी| लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी दहेज प्रथा को निभायी जाती है| हमारे सभ्य समाज के गाल पर इससे बड़ा तमाचा और क्या हो सकता है?
दहेज प्रथा को बढ़ावा देने में समाज की ही अहम् भूमिका है | वह समाज ही है जो की दहेज प्रथा की जड़ को मजबूत कर रही है|
दहेज प्रथा की कई कारण हें, जैसे की–
इ-शादी की विज्ञापन से फैलती दहेज प्रथा-
आज के इन्टरनेट युग में शादी के लिए लड़का-लड़की इन्टरनेट के माध्यम से भी खोजे जाते हें| इस प्रकार की विज्ञापनों में लड़की की परिवार वाले कई बार अच्छे लड़के की आश में अपना स्टेटस और कमाई को ज्यादा बताने की भूल कर बैठते हें, जो की लड़के वालों में कभी कभी लोभ आ जाता है| इस प्रकार की लोभ शादी के बाद मांग में बदल जाते हें, जो की धीरे धीरे दहेज प्रथा को पनपने देता हें| और दहेज की मांग होने लगती है|
2. समाज में पुरुष प्रधान की लहर से फैलती देहेज प्रथा-
हमारे समाज पुरुष प्रधान है| बचपन से ही लड़कियों की मन में ये बात बिठा दिया जाता है की लडके ही घर के अन्दर और बाहर प्रधान हें, और लड़कियों को उनकी आदर और इज्ज़त करनी चाहिए| इस प्रकार की अंधविश्वास और दक्क्यानूसी सोच लड़कियों की लड़कों के अत्याचार के खिलाफ अवाज़ उठाने की साहस की गला घूंट देते हें| और इससे बढती है लड़कियों पर अत्याचार और रूप लेता है विभिन्न मांगों की, जो की दहेज प्रथा का रास्ता खोल देता है|
3. समाज में अपनी झूठी स्टेटस से फैलती दहेज प्रथा-
जी हाँ, चौंकाने वाला पर सच| ऊँचे समाज में आज कल अपना सोशल स्टेटस की काफी कम्पटीशन चल रही है| बेटी की शादी में ज्यादा से ज्यादा खर्च करना, महँगी तोहफे देना, लड़के वालों को मांग से ज्यादा तोहफे देना, आदि लड़के वालों के मन को कई बार छू जाता है| ये आदतें धीरे धीरे लड़की पर दबाव बना देती है| शादी के बाद भी लड़के वालों की इस तरह के तोहफों की लत लग जाती है, जो की धीरे धीरे मांग की रफ़्तार को और आगे ले जाती है| और इसी झूठी शान के चलते हम जाने अनजाने में दहेज प्रथा को पनपने देते हैं|
4 . लड़की की सुन्दरता या कोई कमी कई बार दहेज की रस्म को निभा जाती है-
कई बार दहेज प्रथा खुद लड़की की माँ बाप की गलती से भी पनपता है| अगर लड़की की सुन्दरता में कोई कमी है या फिर लड़की की किसी भी कमी के कारण शादी में दिक्कत आती है, तो माँ- बाप लड़की की शादी को तुरंत करवाने की आड़ में दहेज देना आरम्भ कर देते हें| और ये बात दहेज प्रथा को हवा देती है|
दहेज प्रथा के कारण तो अनगिनत हैं, लेकिन अब वक़्त आ गया है की हमे कारणों की नहीं, दहेज प्रथा के समाधान के बारे में सोचें|
दहेज प्रथा के बुरे असर हें
1.दहेज प्रथा के कारण होती लड़कियों के साथ अन्याय
2. दहेज प्रथा के कारण लड़कियों पर अत्याचार
3. देहेज प्रथा से बढती लड़का लड़की में अंतर
दहेज़ प्रथा रोकने के उपाय
दहेज प्रथा हमारे समाज को खोंखला और बेमतलब बना रही है| ये प्रथा हमारे ही जिंदगी को तबाह कर रही है| लेकिन अब वक़्त आ गया है की हमे दहेज प्रथा के खिलाफ एक जूट हो कर अपना आवाज़ बुलंद करना है|
हर समस्या का समाधान उसके अन्दर ही है| इस तरह से दहेज प्रथा का समाधान भी इसी प्रथा में ही है, बस दहेज लेने और देने की आदत को “हाँ” से “ना” में बदलना है|
दहेज प्रथा पर अन्तिम चर्चा
दहेज प्रथा हमारे समाज को हमारा नहीं छोड़ा | ये प्रथा पुरे समाज को अपने वस में कर खोखला बना चुका है | वक़्त आ गया है इसके खिलाफ आवाज़ उठाने की| वक़्त आ गया है दहेज प्रथा के क़ानून कि सख्ति से इस्तेमीलकरने की| देहेज प्रथा के कारण आज भी हमारा समाज पिछडा हुआ है| लड़का और लड़की में अंतर मानते हें|
तो चलिए एक मुहीम छेड़ें देहेज प्रथा के खिलाफ| अगर आप के मन में दहेज प्रथा के बारे में कोई जानकारी है तो प्लीज निचे हमे लिख के जरुर भेजें ताकि आप कि कही हुई शायद कोई छोटी सी बात कई जिंदगियों को तबाह होने से बचा दे| दहेज की आदत को हमे जड़ से उखाड़ फेंकना है और एक स्वच्छ भारत की गठन करना है|
हमे अपने सुझाव जरुर दें | और दहेज प्रथा को “ना” बोले|
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