hindi essay on ek bhagna mandir ki atma katha
Answers
एक भग्न मंदिर की आत्मकथा |
Explanation:
मैं एक मंदिर हूँ मुझे प्राचीन काल में एक राजा ने बनवाया था। मैं महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हूं। जब मेरा निर्माण किया गया तब मेरी बहुत मान्यता थी और आज भी मेरी मान्यता मैं कोई कमी नहीं आई है। कालांतर में कुछ मुसलमान आक्रमणकारियों ने मुझ पर चढ़े सोने के जेवरात को चुराने के मकसद से मुझ पर आक्रमण कर दिया।
उन्होंने मुझ में लगे सभी हीरे जवाहरात चुरा लिए और मुझे विध्वंस कर। तब से मैं एक भवन मंदिर बन गया हूँ । हालांकि लोग मुझे आज भी उतना ही मानते हैं जितनी मेरी मान्यता पहले थी लेकिन फिर भी मुझे अपनी इस भग्न अवस्था पर बहुत दुख है।
अपनी ऐसी स्थिति पर मुझे दुख होता है कि लोग अगर मुझे इतना मानते हैं तो वे मुझे ठीक क्यों नहीं कराते हैं। कई बार तो लगता है कि मैं अपने पूरे ढांचे को स्वयं तोड़ दूं और खत्म हो जाऊं लेकिन फिर लोगों का मुझ में विश्वास देख मुझे फिर से जीने का मन करता है।
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