India Languages, asked by alivia07, 1 year ago

hindi essay on festvals​

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Answered by sakshi9685
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त्यौहार समय-समय पर आकर हमारे जीवन में नई चेतना, नई स्फूर्ति, उमंग तथा सामूहिक चेतना जगाकर हमारे जीवन को सही दिशा में प्रवृत्त करते हैं । ये किसी राष्ट्र एवं जाति-वर्ग की सामूहिक चेतना को उजागर करने वाले जीवित तत्व के रूप में प्रकट हुआ करते हैं ।

कोई राष्ट्र त्यौहारों के माध्यम से अपने सामूहिक आनद को उजागर किया करते हैं । व्यक्ति का मन आनंद तथा मौजप्रिय हुआ करता है । वह किसी न किसी तरह उपाय करके अपने तरह-तरह के साधन और आनंद-मौज का सामान जुटाता ही रहता है ।

इसके विपरीत त्यौहार के माध्यम से प्रसन्नता और आनंद बटोरने के लिए पूरे समाज को सामूहिक रूप से सघन प्रयास करना पड़ता है । समाज के प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनी-अपनी घर परिवार की सीमा में रहकर किया गया एक ही प्रकार का हुआ करता है अत: उसे भी सामूहिकता सामाजिकता या सामूहिक प्रयासों के अंतर्गत रखा जा सकता है ।

जैसे-दीपावली का त्यौहार मनाते हैं तो सभी लोग अपने-अपने घर पूजा करते हैं अपने घर-परिवार में बाँटते खाते हैं पर यह सब एक ही दिन, एक ही समय लगभग एक समान ढंग से किया जाता है और इसका प्रभाव भी सम्मिलित दिखाई देता है इस सारी प्रक्रिया को सामूहिक स्तर पर की गई आनन्दोत्साह की अभिव्यक्ति ही माना जाता है ।

त्यौहारों का महत्व अन्य कई दृष्टियों से समझा एवं देखा जा सकता है । त्यौहारों के अवसर पर घर-परिवार के छोटे-बड़े सभी सदस्यों को करीब आने, मिल बैठने, एक-दूसरे के सुख-आनंद को साँझा बनाने के सुयोग भी प्रदान किया करते हैं । इतना ही नहीं कई बार त्यौहार जाति-धर्म की भावनाओं को भी समाप्त कर देने में सिद्ध हुए हैं

त्यौहार व्यक्तियों को आमने-सामने अपने पर परस्पर समझने-बूझने का अवसर तो देते ही हैं भावना के स्तर पर परस्पर जुड़ने या एक होने का संयोग भी जुटा दिया करते हैं क्योंकि त्यौहार मनाने की चेतना सभी में एक सी हुआ करती है ।

त्यौहारों का संबंध किसी राष्ट्र की किसी परंपरागत चेतना, राष्ट्रीय धरोहर महत्वपूर्ण घटना, महत्वपूर्ण व्यक्तित्व स्थान, शोध-परिशोध के साथ हुआ करता है । वह क्या कहाँ और कैसे घटित या संपन्न हुआ जैसी सभी तरह की ऐतिहासिक बातों एवं तथ्यों से हम लोग त्यौहार मनाकर और जानकर ही परिचित हो पाते हैं ।

इस प्रकार त्यौहार वर्तमान और अतीत के साथ जुड़े साबित हुआ करते हैं । वह समाज और व्यक्ति को अपने जड़ मूल से अपने मौलिक तत्वों से जोड़ा करते हैं । यहाँ गण्तन्त्र दिवस या स्वतन्त्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय त्यौहारों का उदाहरण दिया जा सकता है ।

स्वतंत्रता दिवस का त्यौहार मनाकर हमारा सारा देश और समाज अपने-आप को उन कठिन क्षणों के साथ जोड़ने या उन्हे दोहराने का प्रयास किया करते हैं कि जब राष्ट्र की स्वतंत्रता और आन के मोर्चे पर डटकर सारा देश एक जुट होकर संघर्ष कर रहा था ।

इसी तरह गणतंत्र दिवस हमें निकट अतीत के उन क्षणों के साथ जोड़ता है जब स्वतंत्र भारत का अपना सविधान बनाकर उसे लागू किया गया, देश को एक लोकतंत्रीय व्यवस्था वाला राज्य घोषित किया गया । इस प्रकार त्यौहार मनाने का एक महत्व किसी राष्ट्र के वर्तमान को अतीत के साथ जोड़कर उसकी चुनौतियों के प्रति सावधान करना भी है ।

प्रत्येक त्यौहार अपने भीतर कई प्रकार के आदर्श माने एवं मूल्य भी संजोए रखता है सो उन्हे मानकर मनाने वाले उन सबसे परिचित तो हुआ ही करते हैं उन्हे बनाए रखने की तत्परता और दृढता भी सीखा करते हैं । त्यौहार धर्म एवं अध्यात्म भावों को उजागर कर लोक के साथ परलोक सुधार की प्रेरणा भी दिया करते हैं ।

सबसे बड़ी बात यह है कि त्यौहार और पर्व अपने मनाने वालों को उस धरती की सोंधी सुगंध के साथ जोड़ने का सार्थक प्रयास किया करते हैं जिस पर उन्हे धूमधाम से मनाया जाता है । त्यौहार मनाने वाले जन-समाज की विभिन्न रीति-नीतियों की जानकारी भी दिया करते हैं ये जानकारियाँ जन समाज में अपने पर एवं आत्म-सम्मान का भाव बड़े प्रिय ढंग से जाग्रत कर दिया करती है ऐसे भाव रखने वालों को ही त्यौहार मनाने का अधिकार हुआ करता है ।

इस प्रकार त्यौहारों का मूल्य एवं महत्व स्पष्ट है । उन्हें किसी जाति और राष्ट्र की जातीयता, राष्ट्रीयता सामाजिकता एवं सामूहिकता का आनंद उत्साह भरा मुस्कराता हुआ उज्जवल दर्पण भी कहा जा सकता है ।

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nikitathegreat06: Oh my god! Hindi! I don't understand
sakshi9685: so who said to make it understand
nikitathegreat06: No no, i was just saying.
nikitathegreat06: Actually i know a little hindi. I know spanish and english. I am indian american.
nikitathegreat06: Can i say something?
sakshi9685: okay
sakshi9685: yes plz
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