Hindi essay on global warming sabki chinta ka vishay.
Answers
दिनों-दिन बढ़ते इसके खतरनाक प्रभाव से संपूर्ण विश्व के लिये खतरा उत्पन्न हो रहा है। इससे समुद्र जल स्तर में वृद्धि, बाढ़, तूफान, चक्रवात, मौसम के स्वरुपों में परिवर्तन, संक्रामक बीमारीयाँ, खाद्य कमी, मौतें आदि आने वाले समय में दिखाई देंगी। इससे निजात पाने का एक ही तरीका है व्यक्तिगत स्तर पर जन-जागरुकता। लोगों को इसका अर्थ, कारण, और प्रभाव की समझ होनी चाहिये जिससे इसको जड़ से मिटाया जा सके और धरती पर जीवन की संभावानाएँ सदा के लिये मुमकिन हो।
लोगों को उनकी बुरी आदतों जैसे तेल, कोयला और गैस के अत्यधिक इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई(क्योंकि ये कार्बनडाई ऑक्साइड को सोखने का मुख्य स्रोत है) को रोक कर, कम बिजली का इस्तेमाल कर आदि से CO2 को फैलने से रोकना चाहिए। पूरी दुनिया के लोगों में थोड़े से बदलाव से, एक दिन हम लोग इसके प्रभावों को घटाकर वातावरण में हुए नकारात्मक परिवतर्नों को रोक सकते है।
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उत्तर:
ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी पर वायुमंडल का एक बड़ा मुद्दा है जो पृथ्वी के सतह के तापमान में निरंतर वृद्धि का कारण बनता है। यह अनुमान लगाया गया है कि अगले 50 या 100 वर्षों में पृथ्वी का तापमान एक महान स्तर तक बढ़ जाएगा जो पृथ्वी पर रहने की बड़ी समस्या पैदा करेगा।
पृथ्वी के तापमान को बढ़ाने का अत्यधिक ज्ञात और सबसे बुनियादी कारण वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड में निरंतर वृद्धि है।
कार्बन डाइऑक्साइड स्तर में वृद्धि पृथ्वी पर मानव द्वारा कोयला और तेल, वनों की कटाई (पौधों की कटाई) जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग है। पृथ्वी पर पौधों की घटती संख्या कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ाती है, क्योंकि पौधे मानव द्वारा जारी कार्बन डाइऑक्साइड (श्वसन के उपोत्पाद के रूप में) और अन्य साधनों के उपयोग के मुख्य स्रोत हैं।
पृथ्वी के तापमान के बढ़ते स्तर से बहुत सारी समस्याएं पैदा हो जाती हैं जैसे समुद्र का स्तर गर्म और ऊंचा हो जाता है, ग्लेशियर पिघलते हैं, बाढ़ आती है, तेज तूफान आते हैं, भोजन की कमी होती है, बीमारियां होती हैं, मृत्यु होती है, आदि