Math, asked by astronaut000007, 3 months ago

Hindi essay on Hemant Joshi​

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Answered by Anonymous
7

Step-by-step explanation:

Hemant Joshi is a Professor of Mass Communication and Journalism. He has taught Communication, Radio, TV and Hindi journalism for three ... This article is an autobiography or has been extensively edited by the subject or by someone .

# krishnpriya ❤️

Answered by Anonymous
21

Answer:

हिमांशु जोशी (४ मई १९३५ - २३ नवम्बर २०१८) हिन्दी के ख्यातिलब्ध कहानीकार, उपन्यासकार और पत्रकार थे। उन्होंने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। वे लंबे समय तक हिंदी पत्रिका 'कादम्बिनी' और 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' के संपादन से जुड़े रहे। बाद के दिनों में उन्होंने 'वागर्थ' के संपादन का भी दायित्व संभाला। देहावसान से कुछ समय पूर्व तक वे नार्वे से प्रकाशित पत्रिका 'शांतिदूत' के सलाहकार संपादक रहे।

  1. हिमांशु जोशी का जन्म उत्तराखंड के चंपावत जिले के 'जोसयूड़ा' गांव में 4 मई 1935 में हुआ था। उनके बचपन का लंबा समय 'खेतीखान' गांव में बीता जहां से उन्होंने प्राथमिक शिक्षा के बाद मिडिल स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद 1948 में वो नैनीताल चले आए जहां से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनके पिता 'पूर्णानन्द जोशी' स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका संघर्ष जोशी के लिए प्रेरणा बना, जिसका असर उनके लेखन पर भी पड़ा।[2] आजीविका की तलाश में हिमांशु जोशी ने दिल्ली आए और दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.फिल किया। जोशी ने पत्र-पत्रिकाओं के संपादन के साथ-साथ दूरदर्शन और आकाशवाणी के लिए भी कार्य किया। उन्होने हिंदी फिल्मों के लिए भी लेखन कार्य किया। हिमांशु जोशी के उपन्यास ‘सु-राज’ पर आधारित फिल्म ‘सु-राज’ ने ‘इंडियन पेनोरमा’ के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भारतीय फिल्मों का प्रतिनिधित्व किया। उनके चर्चित उपन्यास ‘तुम्हारे लिए’ पर दूरदर्शन धारावाहिक बना। साथ ही‘तर्पण’ ‘सूरज की ओर’ आदि पर टेलीफिल्में बनी। जोशी ने आकाशवाणी पर शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के सुप्रसिद्ध बांग्ला उपन्यास ‘चरित्रहीन’ का रेडियो-सीरियल निर्देशित किया।

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