Hindi essay on माँ
Don't copy from google.
Whoever copies from google will be reported....
Answers
Answer:
माँ वह प्राणी है| जो हमे जन्म देती है हमारी जिन्दगी की सबसे पहली गुरु हमारी माँ होती है और हम उसके शिष्य होने के नाते अपनी माँ को कोई गुरु दक्षिणा भी नही दे पाते क्यूंकि माँ का कर्ज एक ऐसा कर्ज है जो हम अपनी पूरी जिन्दगी की कमाई देकर भी अदा नही कर सकते.
परन्तु हम अपनी माँ को उसकी अच्छाई बताकर उसे उसके माँ रूप से मिलाकर उसे थोड़ी ख़ुशी जरुर दे सकते है.
लेकिन दोस्तों हम अपनी माँ का कर्ज कभी नही चूका सकते है जरुर करनी चाहिये जिससे की हमारी माँ के चहेरे की मुस्कान बनी रहे.
माँ बिना जिन्दगी वीरान होती है, तनहा सफ़र में हर राह सुनसान होती है जिन्दगी में माँ का होना जरूरी है क्युकी माँ की दुआओं से ही हर मुश्किल आसान होती है.
माँ एक ऐसा अनमोल रत्न है जिसके बारे में शब्दों में बयाँ करना बहुत कठिन है| कहते है की भगवान् हर किसी के साथ नही रह सकते थे इसलिए उन्होंने माँ जेसे अनमोल रत्न को बनाया.
माँ भगवान के समान होती है| कितना भी पूजा पाठ करलो लेकिन अगर आप अपनी माँ को खुश नही रख सकते तो सब नष्ट है क्युकी माँ उस भगवान् का बनाया हुआ वो अनोखा किस्सा है जिसे आज तक कोई नही समझ पाया.
क्योंकि अगर डांटती वो है तो मनाती भी वो ही है क्युकी अगर मारती वो है तो प्यार भी वही करती है अजीब होती है माँ लेकिन जिसके नसीब में होती है उसकी जिन्दगी खुशनसीब होती है.
Pls mark as brainliest it's not copied from internet......