Hindi, asked by Anuskarawat517, 1 year ago

Hindi essay on Sada Jeevan uch Vichar

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Answered by ayush6101
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सरल जीवन और उच्च विचार की सोच का पालन साथ-साथ किया जा सकता है। केवल वे लोग जो एक साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते हैं वे ही जीवन में अच्छे कर्म कर सकते हैं। जो लोग अकेले रहते हैं वे केवल अपनी इच्छाओं को पूरा करने के बारे में सोचते हैं और इन इच्छाओं का कोई अंत नहीं है। ऐसे लोग अपनी इच्छाओं को संतुष्ट करने और दूसरों को अपनी संपत्तियां दिखाकर उन्हें प्रभावित करते हैं जिससे उनकी सोच सीमित हो जाती है। जो लोग बड़ा नहीं सोच सकते हैं वे व्यापक मानसिकता का विकास नहीं कर सकते।

दूसरी ओर जो लोग समझते हैं कि उन्हें केवल अपनी जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए और हर भौतिकवादी चीज़ों के पीछे नहीं भागना चाहिए वे सरल जीवन जीते हैं। वे केवल ज़रूरत की चीजें खरीदते हैं और अपने कर्मों के जरिए बेहतर इंसान बनने पर ध्यान केंद्रित करते हैं न कि दूसरों की तरह ऐशो-आराम की जिंदगी का व्याखान करने के। वे अपने आस-पास के लोगों की मदद करते हैं, दान करते हैं, पर्यावरण में सुधार लाने के लिए अलग-अलग गतिविधियों में शामिल होते हैं और अपने प्रियजनों के साथ अच्छा समय बिताते हैं।

अब इसका मतलब यह नहीं है कि महत्वाकांक्षी होना और एक आरामदायक जीवन जीने के लिए पैसे कमाना गलत है। आरामदायक जीवन जीने और एक शानदार जीवन शैली के बीच में अंतर है। दुनिया भर में कई अमीर लोग हैं जो एक सरल जीवन जीते हैं और उच्च सोच रखते हैं। वे खुद पर खर्च करने के बजाय चैरिटी में पैसा दान देते हैं।


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