Hindi essay on save environment
Answers
पर्यावरण का संबंध उन जीवित और गैर जीवित चीजो से है, जो कि हमारे आस-पास मौजूद है, और जिनका होना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत वायु, जल, मिट्टी, मनुष्य, पशु-पक्षी आदि आते है। हालांकि एक शहर, कस्बे या गांव में रहते हुए हम देखते है कि हमारे आस-पास का वातावरण और स्थान वास्तव में एक प्राकृतिक स्थान जैसे कि रेगिस्तान, जंगल, या फिर एक नदी आदि थे, जिन्हे हम मनुष्यों ने अपने उपयोग के लिए इमारतो, सड़को या कारखानो में तब्दील कर दिया है।
लेकिन महानगरो में रहने वाले लोग भी अपना भोजन, मछली, ईंधन और चारे आदि की आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रो से ही प्राप्त करते है, जो कि प्राकृतिक क्षेत्रो से निर्मित होते है। इसलिए प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी निर्भरता ने यह काफी जरुरी बना दिया है कि हम प्राकृति वातावरण के विनाश और दोहन के रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय करें।
पर्यावरण बचाओ पर लम्बे तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Save Environment in Hindi)
यहा पर पर्यावरण बचाओ पर विभिन्न लंबाई के निबंध दिये गए है, जिनका आप अपनी परीक्षा के तैयारी या अन्य कार्यो में अपने आवश्यकता के अनुसार चयन कर सकते है। दिए गये निबंधो के सुविधा को ध्यान में रखते हुए काफी सरल भाषा में तैयार किए गये है, जिनका आप अपने सुविधानुसार उपयोग कर सकते है।
पर्यावरण बचाओ पर छोटा निबंध- 1 (200 शब्द)
एक भौगोलिक क्षेत्र या प्राकृतिक संसार जिसके अंतगर्त हवा और जल, पशु-पक्षी आदि आते है, जो कि मानवीय गतिविधियो द्वारा प्रभावित हो रहे हो उसे पर्यावरण कहते है। मानव जाति के शहरीकरण और औद्योगिकरण की घटना के कारण चिकित्सा, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में काफी तेज विकास हुआ है, जिससे की प्राकृतिक स्थान कंक्रीट के भवनो और सड़को में बदलते जा रहे है। हालांकि इन प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी भोजन, पीने के पानी और कृषि की निर्भरता अभी भी बनी हुई है। प्रकृति के ऊपर हमारी निर्भरता इतने ज्यादे है कि अगर हमने इसके संसाधनो के रक्षा का प्रयास अभी से नही शुरु किया तो हमारा अस्तित्व भी खतरे में पड़ जायेगा।
इन प्राकृतिक संसाधनो को मुख्यतः दो श्रेणियों नवकरणीय और अनवकरणीय में बांटा जा सकता है। नवकरणीय प्राकृतिक संसाधन वह संसाधन है, जिनकी प्राकृतिक रुप से फिर से प्राप्ती की जा सकती हो, जैसे कि पानी, जंगल, फसले, इत्यादि। इसके विपरीत गैर-नवकरणीय संसाधन वह संसाधन है जिन्हे प्राकृतिक रुप से फिर से नही प्राप्त किया जा सकता जैसे कि तेल, खनिज आदि। इसके साथ ही यह एक संकट इसलिए भी बन गया है क्योंकि वर्तमान में इनका उपयोग भी बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है।
इन सभी प्राकृतिक संसाधनो के तेजी से खत्म होने का मुख्य कारण तेजी से हो रही जनसंख्या वृद्धि और विशेष तथा कुलीन वर्गो में संसाधनो का बढ़ रहा उपभोग है। इसके वजह से मात्र वन्यजीवों और पेड़-पौधो की ही हानि नही हुई है, बल्कि की पूरे पर्यावरण पर संकट खड़ा हो गया है। इसलिए यह वह समय है जब हमें अपने प्राकृतिक संसाधनो का अंधाधुंध दुरुपयोग रोककर, इनका विकेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। जिससे हम इन्हे अपने आने वाली पीढ़ीयो के लिए भी बचाकर रख सके और एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सके।
पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता, यदि पृथ्वी पर, विशेषकर वृक्षों पर कोई हरी वनस्पति न होती। पेड़ों का हमारे लिए इतना महत्व है क्योंकि यह उनकी वजह से है कि हमें सांस लेने के लिए हवा में पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, जिसके अभाव में पृथ्वी पर हमारा अस्तित्व असंभव हो जाता। इस सोच के साथ, हम छात्रों के लिए निबंध लेकर आए हैं, जो पेड़ों के महत्व पर लंबे और छोटे रूप में और भविष्य की पीढ़ियों के लिए उन्हें बचाने के लिए दोनों हैं। छात्र इन निबंधों को अपनी व्यक्तिगत समझ के साथ-साथ अपनी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयोगी पाएंगे।
HOPE IT HELPS