Hindi, asked by premi2tapapoorK, 1 year ago

Hindi essay on summer season.

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Answered by neelimashorewala
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अप्रैल से मध्य जून की समयावधि ग्रीष्म ऋतु में आती है। इस ऋतु में रातें छोटी व दिन लम्बे होते हैं। इस ऋतु में सूर्योदय के साथ ही तपन बढ़ना प्रारंभ हो जाती है।

ग्रीष्म ऋतु अपने नाम के अनुसार गर्म व तपन से भरी मानी जाती है। पोखर व तालाब इत्यादि सूखने लगते हैं। अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण ही इसे ग्रीष्म नाम दिया गया है। ग्रीष्म ऋतु में सभी प्राणी गर्मी की मार से बेहाल हो जाते हैं। लू के थपेड़ों से जीना मुश्किल होने लगता है। हजारों लोगों की मृत्यु प्रति वर्ष भीषण गर्मी के कारण होती है। हालाँकि विज्ञान की प्रगति ने लोगों को गर्मी से बचने हेतु पंखा, कूलर एवं ए०सी० इत्यादि उपलब्ध करा दिया है, किन्तु गरीबों को यह सुविधा नहीं मिल पाती। गरीब व्यक्ति का जीवन आज भी प्रकृति की दया पर ही निर्भर है। 

अत्यधिक गर्मी व तपन के कारण स्कूल एवं कॉलेज में छुट्टियाँ घोषित कर दी जाती है। कई कार्यालयों का समय परवर्तित कर प्रातःकाल से कर दिया जाता है। सड़कों में जगह-जगह शर्बत, लस्सी एवं कोल्ड-ड्रिंक के स्टाल सज जाते हैं। इस मौसम के विशेष फल 'आम' को बहुत पसंद किया जाता है। तरह-तरह की आइस-क्रीम सभी का मन लुभाती हैं। 
Answered by Ankitsinharaya
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Answer:

ग्रीष्म ऋतु साल का सबसे गर्म मौसम होता है, जिसमें दिन के समय बाहर जाना काफी मुश्किल होता है। इस दौरान लोग आमतौर पर बाजार देर शाम या रात में जाते हैं। बहुत से लोग गर्मियों में सुबह में टहलना पसंद करते हैं। इस मौसम में धूल से भरी हुई, शुष्क और गर्म हवा पूरे दिन भर चलती रहती है। कभी-कभी लोग अधिक गरमी के कारण हीट-स्ट्रोक, डीहाइड्रेशन (पानी की कमी), डायरिया, हैजा, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी प्रभावित हो जाते हैं।

गर्मी के मौसम में बचाव के उपाय

गर्मी के मौसम के दौरान हमें आरामदायक सूती कपड़े पहनने चाहिए।

हमें गर्मी की ऊष्मा से बचने के लिए ठंडे पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

हमें पूरे मौसम में स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए बहुत सी सावधानियाँ रखनी चाहिए।

हमें गर्मियों की छुट्टियों के दौरान गर्मियों का सामना करने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में जाना चाहिए।

हमें शरीर में पानी की कमी और लू लगने (हीट स्ट्रोक) से बचने के लिए बहुत सारा पानी पीना चाहिए।

हमें दिन के दौरान, हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाव के लिए विशेष रुप से, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बाहर नहीं जाना चाहिए।

Explanation:

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