Hindi, asked by manorath, 1 year ago

Hindi essay on varsha ka ek din

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Answered by shalini28
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कहा जाता है कि वसंत ऋतुओं का राजा है और वर्षा ऋतुओं की रानी है । जब मई-जून में सूर्य देवता के कोप से धरती जलने लगती है तब कहीं इन्द्र देवता प्यासी धरती की प्यास बुझाने के लिए तैयार होते हैं ।

जल ही जीवन है । यदि वर्षा न हो तो संसार का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए । भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है । यहाँ तो बरसात का विशेष महत्त्व है । नदी, नहरों, तालाबों और नलकूपों के होते हुए भी वर्षा की सदा आवश्यकता रहती है । इसलिए ज्येष्ठ मास में अमावस्या को विधिवत वर्षा का पूजन किया जाता है, जिससे समय पर बारिश हो और एक नया जीवन मिले ।

जुलाई के दिन थे । विद्यालय खुल चुके थे । कई दिन से लगातार भयंकर गर्मी पड़ रही थी । सड़कें, घर, मकान, चारों ओर मानों आग बरस रही थी । विद्यालय में तो बहुत बुरा हाल था । टीन की चादरें भयंकर रूप से तप रही थीं । पंखों की हवा भी आग फेंक रही थी । लगभग तीन बजे का समय था ।

अचानक आँधी-सी आई । खिड़कियाँ चरमराने लगी । चारों ओर अंधेरा छा गया । कमरे में बिजली नहीं थी । ऐसा लगा जैसे रात हो गई थी । मास्टर जी ने मजबूर होकर पढ़ाना बन्द कर दिया । बच्चों ने किताबें संभाल ली । अचानक गड़गड़ाहट प्रारम्भ हो गई और बारिश होने लगी । टीन की छत पर पड़ती हुई बूंदे शोर करने लगी । थोड़ी ही देर में टूटी खिड़कियों से पानी की बौछार अन्दर आने लगी, बच्चों ने अपनी पुस्तकें संभाली । देखते ही देखते बादल और गहरा होता गया ।

ऐसा लगता था जैसे किसी ने आसमान में स्याही मल दी हो । स्कूल के बरामदे गीले हो गये । मैदान में पानी एकत्र होने लगा । छोटे बच्चे कागज की नाव बनाकर चलाने लगे । विद्यालय में काफी पानी जमा हो गया । तभी किसी शरारती बच्चे ने शोर मचा दिया कि पानी में करंट है ।

बस फिर क्या था अफरा-तफरी मच गई, सारे अध्यापक बाहर निकल आये । बच्चों को धीरे-धीरे विद्यालय के द्वार से बाहर निकाल दिया । प्रधानाचार्य ने छुट्‌टी की घंटी बजवा दी । बारिश बन्द नहीं हुई थी, हल्की अवश्य हो गयी थी । विद्यालय आते समय मैं छतरी नहीं लाया था, इसलिए भीग गया । सड़क पर निचले स्थानों में पानी भर गया था ।

ट्रैफिक रुक-सा गया था । कुछ लोग छाता लगाए हुए थे । कुछ स्त्रियाँ छतरियाँ लिए थीं । पर अधिकांश लोग भीगे हुए थे । विद्यालय के पास की झुग्गियों में पानी भर गया था । माता जी ने गर्म-गर्म चाय पिलायी ।इस प्रकार आनन्दपूर्वक बरसात का दिन व्यतीत हुआ ।


manorath: Thanks for essay
shalini28: u r welcm
shalini28: mark as best plz
Answered by VarshaS553
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Answer:

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है, कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

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