Hindi essay Vidyarthi aur Shiksha under 300 word
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किसी भी व्यक्ति की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है, और मां को पहली गुरु कहा गया है। शिक्षा वो अस्त्र है, जिसकी सहायता से बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना कर सकते है। वह शिक्षा ही होती है जिससे हमें सही-गलत का भेद पता चलता है। शिक्षा पर अनेकों निबंध लिखे गयें हैं, आगे भी लिखे जायेंगे। इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, एक वक़्त की रोटी ना मिले, चलेगा। किंतु शिक्षा जरुर मिलनी चाहिए। शिक्षा पाना प्रत्येक प्राणी का अधिकार है।
प्रस्तावना
शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह है जो हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे चतुर प्राणी बनाती है। यह मनुष्यों को सशक्त बनाती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलता से सामना करने के लिए तैयार करती है।
शिक्षा क्या है ?
शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्षक' धातु से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है, सिखाना या सिखाना। अर्थात जिस प्रकिया द्वारा अध्ययन और अध्यापन होता है, उसे शिक्षा कहते हैं।
शिक्षा की विशेषताएं
गीता से अनुसार, “सा विद्या विमुक्ते”। अर्थात शिक्षा या विद्या वही है जो हमें बंधनों से मुक्त करे और हमारा हर पहलु पर विस्तार करे।
टैगोर के अनुसार, “हमारी शिक्षा स्वार्थ पर आधारित, परीक्षा पास करने के संकीर्ण मक़सद से प्रेरित, यथाशीघ्र नौकरी पाने का जरिया बनकर रह गई है जो एक कठिन और विदेशी भाषा में साझा की जा रही है। इसके कारण हमें नियमों, परिभाषाओं, तथ्यों और विचारों को बचपन से रटना की दिशा में धकेल दिया है। यह न तो हमें वक़्त देती है और न ही प्रेरित करती है ताकि हम ठहरकर सोच सकें और सीखे हुए को आत्मसात कर सकें।”
महात्मा गांधी के अनुसार, “सच्ची शिक्षा वह है जो बच्चों के आध्यात्मिक, बौद्धिक और शारीरिक पहलुओं को उभारती है और प्रेरित करती है। इस तरीके से हम सार के रूप में कह सकते हैं कि उनके मुताबिक़ शिक्षा का अर्थ सर्वांगीण विकास था।”
स्वामी विवेकानन्द के अनुसार, “शिक्षा व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।”
अरस्तु के अनुसार, “शिक्षा मनुष्य की शक्तियों का विकास करती है, विशेष रूप से मानसिक शक्तियों का विकास करती है ताकि वह परम सत्य, शिव एवम सुंदर का चिंतन करने योग्य बन सके।
उपसंहार
शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए देश में शैक्षिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लेकिन, शिक्षा के महत्व का विश्लेषण किए बिना यह अधूरा है।