Hindi essay writing internet kranti
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पहले के समय में जब लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा नही थी, तो उन्हें कई प्रकार के सामान्य कार्यों के लिये भी कई घंटों तक लाइनों में लगे रहना पड़ता था जैसे रेलवे का टिकट लेने, बिजली का बिल जमा करने तथा आवेदन पत्र जमा करने जैसे कार्यों के लिए काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आधुनिक समय में लोग बस एक क्लिक से टिकट की बुकिंग कर सकते हैं, साथ ही एक सॉफ्ट कॉपी अपने मोबाईल फोन में भी रख सकते हैं।
इंटरनेट अपने आप में कोई अविष्कार नहीं है। इंटरनेट टेलीफोन, कंप्यूटर व दूसरी तकनीक को इस्तेमाल करके बनाया गया एक ऐसा जाल है जिसमें सूचना व तकनीक का साँझा उपयोग किया गया है।
1969 में टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट का आविष्कार किया। इसे सबसे पहले सन् 1969 में अमेरिका के प्रतिरक्षा विभाग द्वारा एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क के गुप्त आंकड़ों और सूचनाओं को दूर दराज़ के विभिन्न राज्यों तक भेजने व प्राप्त करने में लाया गया था। हमारे भारत देश में इंटरनेट 1980 के दशक में आया था।
इंटरनेट के सुगम इस्तेमाल को एप्पल नाम की कंपनी ने सन् 1984 में कंप्यूटर में फाइल फोल्डर और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया जिसके कारण आज इंटरनेट चलाना बहुत आसान है अगर एप्पल कंपनी नहीं होती तो आज भी हमें कोडिंग करके ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना पड़ता।
कंप्यूटर का विकास होने के बाद उनमें जमा आंकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता अनुभव की गयी और इसी अनुभव ने विभिन्न विश्वविद्यालयों, सरकार द्वार प्रायोजित कंप्यूटर नेटवर्क तथा शोध व शिक्षा के लिए इंटरनेट का विकास किया गया। धीरे-धीरे इंटरनेट के विकास के साथ इसके फायदे और महत्त्व हर क्षेत्र में दिखाई देने लगे और यह तकनीक पूरी दुनिया में इंटरनेट क्रांति के रूप में फैल गया।
इंटरनेट की दुनिया में, यह कोई ज़रुरी नहीं है कि कोई व्यक्ति अपने व्यापारिक या निजी मुलाकात के लिए घंटों यात्रा करके किसी स्थान पर जाए। आज के समय में हम वीडियों कॉन्फ्रेंस, कॉलिंग, स्काईप या दूसरे तरीकों से अपनी जगह पर रह कर ही किसी भी व्यापारिक या निजी बैठक का हिस्सा बन सकते हैं।
इंटरनेट के प्रारंभिक चरण में इसकी स्पीड के.बी.पी.एस में होती थी, फिर धीरे-धीरे एम.बी.पी.एस और अब जी.बी.पी.एस में इसकी स्पीड होती है, जो की बहुत तेज़ी से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में काम करती है।