hindi grammar class 7 sarvanam ch-9 back exercises
Answers
Explanation:
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के छह भेद होते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चियवाचक सर्वनाम
संबंधवाचक सर्वनाम
प्रश्नवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाले, सुननेवाले या अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है। वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे-मैं, तुम, वह आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं-
उत्तम पुरुष – इस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता अथवा लेखक अपने लिए करता है; जैसे- मैं कल आगरा जाऊँगा।
मध्यम पुरुष – इस सर्वनाम शब्द का प्रयोग सुनने वाले (श्रोता) के लिए किया जाता है; जैसे- तुम्हारे पिता जी क्या काम करते हैं।
अन्य पुरुष – इस सर्वनाम शब्द का प्रयोग वक्ता या श्रोता किसी अन्य व्यक्ति के लिए करता है जैसे—वह कल विद्यालय नहीं आया था। उन्होंने अपना काम कर लिया है।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना की ओर संकेत, करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे- यह मेरा घर है।
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों से किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध न हो, उन्हें अनिश्चियवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-
बाहर कोई खड़ा है।
दूध में कुछ गिर गया है।
4. संबंधवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम शब्द, वाक्य में प्रयोग के लिए दूसरे सर्वनाम या संज्ञा शब्द से संबंध बताने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, वे सारे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे- जैसा-वैसा, जिसका-उसका।
5. निजवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम, कहते हैं; जैसे- स्वयं, खुद, अपने-आप, आप-ही, स्वयं ही आदि।