Hindi hasya kavita on corona kaal (original only)
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Explanation:
मिलकर कोरोना को हराना है,
घर से हमें कहीं नहीं जाना है,
हाथ किसी से नहीं मिलना है,
चहरे से हाथ नहीं लगाना है,
बार-बार अच्छे से हाथ धोने जाना है,
सेनेटाइज करके देश को स्वच्छ बनाना है,
बचाव ही इलाज है यह समझाना है,
कोरोना से हमकों नहीं घबराना है,
सावधानी रखकर कोरोना को मिटाना है,
देशहित में सभी को यह कदम उठाना है
कोरोना काल पर हास्य कविता
जल्दी सुन लो ना , और जल्दी समझोना न,
बस सीख लो अब तो हाथों को धोना ,
जो अब भी ना समझे, तो जान लो भैया,
सब को हो जाएगा - कोरोना -कोरोना -कोरोना .....
हाथ धो लो वरना - जिंदगी से पढ़ जाएगा हाथ धोना II
सब जगह है हाहाकार, लेकिन हम बेफिक्र हैं , जैसे माना रहें हो कोई त्योहार
यह दुनिया भी कितनी निराली है , इस कोरोना काल में कुछ अभी भी मना रहे दिवाली हैं,
इस दहशत वाले समय में, कुछ लोगों को अब भी सरकार से कई गिले हैं,
क्योंकि उनको काफी समय से पिज्जा और गोल गप्पे नहीं मिले हैं।
सब जानते हैं कि सारी दुनिया, कोरोना की महामारी से ढकी है,
लेकिन यहाँ , कहीं प्यार की पप्पी, तो कहीं जादू की जप्फी है।
जाने कब समझेंगे देश के लोग, कि मौत का वर्तमान नाम कोरोना है ,
नहीं माने अब भी तो, समझ लो, रात का डिनर शमशान में ही होना है।
बाकी सब बहुत समझदार हैं, और क्या कहूँ,
बस यह बता दो, कुच्छ समय बाद यहीं मिलोगे, या फिर बेपरवाह होकर अपनी ज़िंदगी मौत के हाथ न्योछावर कर दोगे।