Hindi Informal letter format
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Answer:
Your answer is given-::
नमस्कार दोस्त
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अनौपचारिक पत्र प्रारूप
पत्र भेजने वाले का पता
तारीख
संबोधन - (प्रिय, आदरणीय, पूजनीय आदि)
अभिवादन - (स्नेह, आशीर्वाद, चरणस्पर्श आदि)
सारांश
संबंधसूचक शब्द - (अपने / अपने बेटे / बेटी, भतीजा / भतीजी, पोता / पोती आदि और नाम)
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औपचारिक पत्र प्रारूप
पत्र भेजने वाले का पता
तारीख
पत्र प्राप्तकर्ता की उपाधि
पत्र प्राप्तकर्ता का पता
विषय
संबोधन
पत्र का मुख्य विषय
धन्यवाद
भवदीय
प्रेषक का नाम :
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आशा है इससे आपकी मदद होगी
धन्यवाद.
Answer:
अनौपचारिक पत्रों का प्रारूप –
1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।
3. विषय- (सिर्फ औपचारिक पत्रों में, अनौपचारिक पत्रों में विषय का प्रयोग नहीं किया जाता है |)
4. संबोधन- प्रापक (जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है) के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है। (जैसे कि बड़ों के लिए पूजनीय, पूज्य, आदरणीय आदि के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और छोटों के लिए प्रिय, प्रियवर, स्नेही आदि का प्रयोग किया जाता है।)
5. अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके साथ संबंध के अनुसार, जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
6. मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
पहले अनुछेद की शुरुआत कुछ इस प्रकार होनी चाहिए- "हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।"
दूसरे अनुच्छेद में जिस कारण पत्र लिखा गया है उस बात का उल्लेख किया जाता है।
तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखने चाहिए। जैसे कि- "मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार
आदि"।
7. समाप्ति- अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि"।
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