Hindi, asked by parulvats6976, 10 months ago

Hindi kavita by bhartendu harishchandra

Answers

Answered by poojapramod250
2

Answer:

प्रेममालिका भारतेंदु हरिश्चंद्र

अरी सखि गाज परौ ऐसी लोक-लाज पै

अरी हरि या मग निकसे आइ अचानक

अहो प्रभु अपनी ओर निहारौ

अहो हरि ऐसी तौ नहिं कीजै

अहो हरि वह दिन बेगि दिखाओ

अहो हरि वेहू दिन कब ऐहैं

आजु उठि भोर बृषभानु की नंदिनी

आजु तन नीलाम्बर अति सोहै

आजु सिर चूड़ामनि अति सोहै

आव पिय पलकन पै धरि पाँव

ऊधो जो अनेक मन होते

ऐसी नहिं कीजै लाल

छाँड़ो मेरी बहियाँ लाल

जयति राधिकानाथ चंद्रावली-प्रानपति

जयति वेणुधर चक्रधर शंखधर

जागे माई सुंदर स्यामा-स्याम

तुम क्यों नाथ सुनत नहिं मेरी

तू मिलि जा मेरे प्यारे

नैन भरि देखि लेहु यह जोरी

नैन भरि देखौ गोकुल-चंद

नैन भरि देखौ श्री राधा बाल

नैना मानत नाहीं, मेरे नैना मानत नाहीं

प्यारी छबि की रासि बनी

प्यारै जू तिहारी प्यारी

फबी छबि थोरे ही सिंगार

बनी यह सोभा आजु भली

ब्रज के लता पता मोहि कीजै

बेगाँ आवो प्यारा बनवारी म्हारी ओर

भोर भये जागे गिरिधारी

मारग रोकि भयो ठाढ़ो

म्हारी सेजाँ आवो जी लाल बिहारी

रसने, रटु सुंदर हरि नाम

लाल यह बोहनियाँ की बेरा

विनती सुन नन्द-लाल

सखी मोरे सैंया नहिं आये

सखी मोहि पिया सों मिलाय दै

सखी री देखहु बाल-बिनोद

सखी हम कहा करैं कित जायँ

स्यामा जी देखो आवै छे थारो रसियो

हम तो मोल लिए या घर के

हम तो श्री वल्लभ ही को जानैं

हमारे घर आओ आजु प्रीतम प्यारे

Explanation:

Pls mark me as the brainiest

Similar questions