Hindi ke manak roop ke vikas par prakash daliye
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can I answer in English
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किसी भी देश में ऐसी भाषा की आवश्यकता होती है। किसी भी भाषा का मानक रूप वह रूप होता है। जो उस भाषा का सबसे शुद्ध रूप होता है और उसे साहित्य और सरकारी कार्यों में उपयोग के लिए लाया जाता है।
कोई भी भाषा अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग क्षेत्रों में बोली जाने के कारण अलग-अलग ढंग से बोली जाती है। जिससे उसमें विभिन्नताएँ हो जाती हैं और अनेक तरह की अशुद्धियां पैदा हो जाती हैं। तब भाषा को एक रूप देने के लिए मानक भाषा का रूप दिया जाता है ताकि उस मानक रूप का पालन कर उस भाषा को एक सुव्यवस्थित आयाम दिया जा सके। मानक भाषा संरचनात्मक दृष्टि से अपनी भाषा के विभिन्न रूपों में से किसी एक रूप या बोली पर आधारित होती है। मानक भाषा में एक शब्द के लिए एक ही उच्चारण माना जाता है। उसमें किसी दूसरे विकल्प की गुंजाइश नहीं रहती है। उनमें से किसी एक का चयन कर उसे मानक मान लिया जाता है।
हिंदी भाषा के मानकीकरण का कार्य काफी समय पहले से आरंभ हो गया था। सरकार की तरफ से हिंदी भाषा को एक मानकीकरण देने के लिए कदम उठाए गए और उसकी एकरूपता पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया। समिति के सुझावों के आधार पर हिंदी को एक मानकीकरण दिया गया। व्याकरण के क्षेत्र में हिंदी की मानकता काफी बढ़ी है।
हिंदी की संरचनात्मक एकरूपता काफी हद तक एक समान हो चुकी है। हिंदी का दायरा बहुत विशाल है और इसमें अनेक अशुद्धियां उत्पन्न हो गई थीं। मानक रूप के कारण अशुद्धियों को दूर करने में सहायता मिली है और हिंदी का एक निश्चित मानक रूप बनाया जा सका है। इससे हिंदी भाषा का विकास ही होगा हिंदी की भाषा की सर्व स्वीकारता बढ़ेगी।