hindi ki pratham kahani ka name likhiye
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सयैद इंशाअल्लाह खाँ की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की लिखी 'राजा भोज का सपना' किशोरीलाल गोस्वामी की 'इंदुमती', माधवराव स्प्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी', आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' व बंग महिला की ''दुलाई वाली' अनेक कहानियाँ हैं जिन्हें अनेक विद्वानों ने अपना पक्ष रखते हुए हिंदी की सर्वप्रथम कहानी कहा है।
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हिंदी की पहली कहानी कौन सी है, यह आज भी चर्चा का विषय है। विभिन्न कहानियाँ 'पहल कोहनी' होने की दावेदार रही हैं। आज तक विद्वानों के बीच किसी कहानी को सर्वप्रथम घोषित करने का मतभेद खत्म नहीं हुआ है।
आज भी इसकी चर्चा होती है। सैयद इंशाल्लाह खान की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद स्टार्स हिंद जी ने 'राजा भोज का सपना', किशोरीलाल गोस्वामी की 'इंदुमती', माधवराज स्प्रे की 'एक टोकरी भर मिटटी', आचार्य रामचंद शुक्ल की 'ग्यारहवर्ष का समय', व बंग महिला की 'ढुलाई वाली' जैसी अनेक कहानिया हैं जिन्हे अनेक विद्वानों ने अपने पक्ष रखते हुए हिंदी की सर्वप्रथम कहानी कहा हैं।
‘एक टोकरी भर मिट्टी’, इसे 1901 में छत्तीसगढ़ के प्रथम पत्रकार माधव राव सप्रे ने लिखा था। इस कहानी को उन्होंने अपनी मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ मित्र में प्रकाशित किया था। सर्वप्रथम प्रकाशित होने के कारण इस कहानी को हिंदी की पहली कहानी का श्रेय मिल गया। लेकिन कई विद्वानों के मुताबिक ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ सर्वप्रथम कहानी नहीं है।
1803 में लिखी गयी सैयद इंशाअल्लाह खाँ की ‘रानी केतकी की कहानी’ प्रथम कहानी होगी। पर विद्वानों के अपने-अपने तर्कों के मुताबिक ऐसा नहीं है, किसी का मानना है की यह सबसे पहले आयी तो यह कहानी प्रथम है तो वहीं दूसरे विद्वानों के अनुसार इस कहानी में तत्व की अपेक्षा कथा तत्व ज़्यादा है, यानी ये कहानी नहीं है, बल्कि औपन्यासिक कहानी है। इसीलिए यह प्रथम कहानी नहीं है, ऐसे ही तर्क बाकी की कहानियों में भी विद्वानों ने लगाए है। किसी ने कहा इस कहानी में मार्मिकता नहीं है, तो कोई कहता है यह कहानी मौलिक नहीं है।