Hindi, asked by aqibshaikh4408, 9 months ago

Hindi lesson digital Kranti Ka Gaon par kya Asar padhne Laga Hai

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Answered by sanjaytiwary042
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Explanation:

प्रौद्योगिकी का विकास प्रगति की आधारशिला है और शताब्दियों में इसने समाज के कामकाज के तौर-तरीकों को बदला है। प्रौद्योगिकीय आविष्‍कारों ने मानव श्रम को कम करके, दक्षता लाकर और उत्‍पादकता बढ़ाकर समाज के प्रत्‍येक क्षेत्र में क्रांति ला दी है। चाहे शिक्षा में सूचना संचार प्रौद्योगिकी हो, मीडिया और सेवा क्षेत्र में डिजिटलीकरण, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के लिए स्‍वचालित उपकरण क्‍यों न हो; समाज के प्रत्‍येक क्षेत्र को प्रौद्योगिकी का लाभ मिल रहा है। भारत जैसे देश के लिए जहां परम्‍परागत धरोहरों का अचूक मिश्रण है और जो सबसे बड़ी ‘युवा आबादी’ के साथ तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक है; यहां प्रौद्योगिकी क्रांति के साथ समाज का चेहरा बदलने के विशाल अवसर हैं। हांलाकि देश ने आजादी के बाद अनेक दशकों में विभिन्‍न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय अविष्‍कारों को लागू होते हुए देखा है, वर्तमान सरकार ने न केवल देश में डिजिटल क्रांति की प्रकिया में तेजी लाने के लिए उत्‍प्रेरक का काम किया है बल्कि देश में डिजीटल विभाजन में सेतु बन्‍धन का काम किया है। पिछले तीन वर्षों में न केवल डिजिटल प्रौद्योगिकी के अन्‍वेषण, कार्यान्‍वयन और उपयोग में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है बल्कि डिजिटलीकरण और उसके लाभों को निचले स्‍तर तक ले जाने और खासतौर से समाज के उन वर्गों तक पहुंचाने पर जोर दिया है जिन्‍हें कम विशेष अधिकार प्राप्‍त हैं।

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भारत में डिजिटल क्रांति महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसने समाज के लगभग सभी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कायापलट की है। वर्तमान सरकार की डिजीटल इंडिया पहल के साथ शासन प्रणाली से लेकर बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और शिक्षा सेवाओं में डिजिटलीकरण, कैशलैस अर्थव्‍यवस्‍था और डिजीटल लेन-देन, अधिकारी तंत्र में पार‍दर्शिता, कल्‍याणकारी योजनाओं का निष्‍पक्ष और तेजी से वितरण जैसे लक्ष्‍य प्राप्‍त होते दिखाई दिए हैं। पिछले तीन वर्षों में विभिन्‍न क्षेत्रों में सरकार की पहलों पर अगर नज़र डाली जाए तो पता लगता है कि किस प्रकार से भारत में डिजिटल क्रांति ने न केवल समाज के कामकाज के तौर तरीकों को बदला है बल्कि देश के साधन सम्‍पन्‍न लोगों और वंचितों के बीच की खाई को पाट दिया है।

किसी भी समाज में शिक्षा की गुणवत्‍ता समाज की वास्‍तविक रचना की आधारशिला है। शिक्षा के महत्‍व को ध्‍यान में रखते हुए, डिजिटल इंडिया की पहल ने समाज में शिक्षा के प्रसार में सुधार के लिए अनेक डिजिटल सेवाओं को एक सा‍थ ला दिया है। चाहे प्राइमरी स्‍तर हो, सैकंडरी स्‍तर अथवा उच्‍च शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा हो, इस क्षेत्र में विभिन्‍न डिजिटल योजनाएं देश की शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला रही हैं। हांलाकि शिक्षा क्षेत्र में अनेक योजनाएं हैं, लेकिन कुछ का जिक्र किया जा सकता है- ‘स्‍वयंम’ योजना नौवीं कक्षा से लेकर स्‍नातक स्‍तर के छात्रों की कहीं भी किसी भी समय कक्षा में पढ़ाए गए पाठ्यक्रमों तक पहुंच बनाती है। इस डिजिटल योजना ने न केवल शिक्षा को अनेक छात्रों के दरवाजे तक ला दिया है। इसका उद्देश्‍य डिजिटल विभाजन को भी पाटना है क्‍योंकि जिन छात्रों की मुख्‍य धारा अथवा औपचारिक शिक्षा तक पहुंच नहीं है वे इस एप्‍लीकेशन तक पहुंच सकते हैं। एक अन्‍य डिजीटल योजना ‘ई-पाठशाला’ है जिसने वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिये शिक्षा की विषय वस्‍तु का प्रचार किया है। अगली पंक्ति में ‘मिड डे मील निगरान ऐप’, ‘शाला सिद्धी’ और ‘ शाला दर्पण’ हैं जो स्‍कूल प्रशासन की गुणवत्‍ता पर विशेष ध्‍यान देते हैं और शिक्षा की गुणवत्‍ता में सुधार के लिए स्‍कूलों और केन्‍द्रीय विद्यालयों का मूल्‍यांकन करते हैं। अनुसंधान कौशल को बढ़ावा देने के लिए ‘ओलैब’ डिजिटल योजना है। ओलैब यानी स्‍कूल प्रयोगशाला प्रयोगों के लिए ऑनलाईन प्रयोगशाला छात्रों के लिए इंटरनेट पर प्रयोग कराना आसान बनाती है। उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के पास ‘ राष्‍ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल’, ‘ई ग्रंथालय’, ‘राष्‍ट्रीय ज्ञान नेटवर्क’ आदि हैं। ये डिजीटल पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की तरफ देख रही हैं बल्कि वंचितों तक शिक्षा पहुंचा रही है जिससे डिजिटल क्रांति का इस्‍तेमाल समाज के सम्‍पन्‍न और वंचितों के बीच की खाई को कम करने के लिए किया जा रहा है।

Answered by Adithya8055
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Answer:

hat's to the mod's every people scold them but they wont stop their fkin work

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