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औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- प्राचार्य को पत्र (आवेदन पत्र)।
- आधिकारिक आवेदन-पत्र विभिन्न कार्यालयों को लिखे गए।
- आवेदन - विभिन्न कार्यालयों में नियुक्ति हेतु पत्र लिखा गया है।
- संपादकीय पत्र - विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए संपादक को लिखा गया पत्र।
- सुझाव एवं शिकायत पत्र - किसी समस्या आदि के संबंध में सुझाव या शिकायत देने के लिए लिखा गया पत्र।
- अन्य पत्र - बधाई, बधाई और निमंत्रण।
अनौपचारिक पत्रों को निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- सबसे पहले अपना पता लिखें|
- एक लाइन छोड़कर तारीख लिखें।
- अब एक लाइन छोड़िये, और जिनको पत्र भेज रहे हैं उनको संबोधित कीजिये, जैसे- आदरणीय/आदरणीय पिता/माता/चाचा/आदि, या प्रिय भाई (नाम)/बहन (नाम)/मित्र (नाम)।
- अब बिना लाइनों को छोड़े पत्र लिखना शुरू करें, और जो भी भावनाएँ आप व्यक्त करना चाहते हैं, उन्हें करें।
- इस पत्र को आकर्षक बनाने के लिए आप इसमें जो कुछ भी लिख रहे हैं, उसे तीन या चार पैराग्राफ में तोड़ दें।
- अब पत्र को अपने बेटे/बेटी/भतीजी/आदि (नाम) या अपने भाई/बहन/मित्र (नाम) जैसे विनम्र शब्दों के साथ समाप्त करें।
- इसे पूरा करने के बाद आप अपना फोन नंबर (नाम) भी डाल सकते हैं।
Explanation:
पत्र दो प्रकार के होते हैं -
- औपचारिक पत्र|
- अनौपचारिक पत्र।
औपचारिक पत्र- वे सभी पत्र जो अर्ध-सरकारी, अशासकीय या सरकारी कार्यालय को लिखे जाते हैं, वे सभी पत्र औपचारिक पत्रों के अंतर्गत आते हैं। कार्यालय द्वारा अपने अधीनस्थ विभागों को लिखे गए पत्र भी इसी में आते हैं।
अनौपचारिक पत्र - वे पत्र जो व्यक्तिगत, व्यक्तिगत या पारिवारिक होते हैं, 'अनौपचारिक' पत्र कहलाते हैं। इस पत्र में किसी भी प्रकार की औपचारिकता पूरी करने पर कोई रोक नहीं है। इन पत्रों में प्रेषक बिना किसी अस्पष्टता के अपने शब्दों और भावनाओं को स्वतंत्रता के साथ लिख सकता है।
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