hindi mahabhart questions please answers
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Explanation:
- कुंती ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि मैं हमेशा आपका साथ चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि हमेशा आपकी कृपा मेरे ऊपर बनी रहे। ऐसे में मैं जब भी दुखी रहूंगी, आपको ही याद करूंगी। यह मानव का स्वभाव बताया जाता है कि वह जब भी दुखी होता है, उसे भगवान की याद आती है।
- कुंती ने कहा, 'कर्ण तुम यह कभी मत समझना कि तुम सूत-पुत्र हो। न तो राधा तुम्हारी मां हैं और न ही अधिरथ तुम्हारे पिता। तुम्हें जानना चाहिए कि तुम राजकुमारी पृथा( पांडु से विवाह के पहले कुंती का नाम) यानी तुम कुंती पुत्र हो, मेरे अविवाहित रहते हुए सूर्य के अंश मेरी कोख में आ गए और तुम पैदा हुए।
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- कुंती ने भगवान श्री कृष्ण से कहा कि वह चाहती है कि उनकी कृपा सदैव कुंती एवं उसके पुत्रों पर बनी रह और हर सुख दुख में उनका साथ दे। यह मानव स्वभाव है कि जब वह दुविधा में पड़ता है तो सर्वप्रथम उसे ईश्वर की याद आती है।
- कुंती ने कर्ण को सत्य बताया कि वह कुंती का प्राथम पुत्र है, मगर विवाह से पूर्व संतान को जन्म देने वाला कलंक मिटाने के लिए उसने कर्ण को नदी में बहा दिया जिसके बाद वह अधिरथ और राधा के पुत्र कहलाए। कुंती ने कर्ण से मांगा कि युद्ध में वह अपने भाइयों को ना मारे और उनपर तीर भी ना चलाएं।
I think this would be enough bcz the answers don't need to be any longer.
it's been quite a few years since I've read the Mahabharata, so, if you find anything wrong type it freely in the answer of any of my questions.
THANK YOU, HAVE A NICE DAY! <3
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