hindi mai अनुच्छेद लिखें अनुशाषित दिनचर्या पर
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बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में असफल हो सकता है, अनुशासन के बिना कोई भी इंसान कभी भी अपने अकादमिक जीवन या दूसरे कार्यों की खुशी नहीं मना सकता। स्व-अनुशासन की जरुरत हर क्षेत्र में होती है जैसे संतुलित भोजन करना (मोटापे और बेकार खाने को नियंत्रित करना), नियमित व्यायाम (इसके लिये एकाग्रता की जरुरत है) आदि।
हमारे जीवन में दिनचर्या का विशेष रूप से महत्व होता है यदि वह दिनचर्या अनुशासित रूप से हो तो वास्तव में हम सभी अपने कार्यों में बहुत आगे बढ़ सकते हैं । हम सभी को अनुशासित दिनचर्या अपनाना चाहिए ।
हमें चाहिए कि हम सुबह जल्दी जागे यदि आप स्टूडेंट हैं तो आपको चाहिए कि सुबह जल्दी जल्दी जागकर पढ़ाई करें । अपनी नित्य क्रिया एवं स्नान आदि के बाद ईश्वर को प्रणाम करें और अपने माता-पिता के चरण स्पर्श भी जरूर करें ।
बड़ों का आशीर्वाद लें उसके बाद अपने स्कूल या अपने ऑफिस जाएं इसके अलावा हमें चाहिए कि हम सुबह योगाभ्यास करने की आदत भी डालें । सुबह हरी घास में भ्रमण भी जरूर करें इससे कई तरह के शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं ।
हमें चाहिए कि हम स्कूल से या ऑफिस से आने के बाद दोपहर का खाना खाएं और थोड़ी देर विश्राम अवश्य करें और फिर शाम के समय में खेलकूद भी जरूर करें क्योंकि खेलकूद का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व होता है । खेलकूद या आप थोड़ी बहुत व्यायाम अवश्य करें और शाम के समय भोजन इत्यादि से निवृत्त होकर आराम करें ।
हमें चाहिए कि हम पढ़ाई का एक टाइम टेबल बनाएं कि हमको कौन से विषय की तैयारी कितने समय पर करना है । हम ऑफिस का कुछ काम घर पर करते है तो उसका टाइम टेबल हमें बनाना चाहिए । हमें इस तरह की एक अनुशासित दिनचर्या अपनाना चाहिए जिससे हम अपने हर क्षेत्र में प्रगति कर सकें ।
एक विद्यार्थी को अपनी पढ़ाई में अब्बल होने के लिए अनुशासित दिनचर्या बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इसी तरह से नौकरी करने वाले लोगों एवं बिजनेसमैन के लिए भी एक अनुशासित दिनचर्या बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इसलिए हम सभी को अनुशासित दिनचर्या अपनाना चाहिए और हमेशा उस दिनचर्या का पालन करना चाहिए ।