Hindi mein koi ek yuddh Geeta Chhoti se
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Answer:
तुम आग पर चलो
Explanation:
अब वह घड़ी गई कि थी भरी वसुंधरा
वह घड़ी गई कि शांति-गोद थी धरा
जिस ओर देखते न दीखता हरा-भरा
चहुँ ओर आसमान में घना धुआँ उठा
तुम आग पर चलो जवान, आग पर चलो
तुम आग पर चलो
लाली न फूल की, वसंत का गुलाल है
यह सूर्य है नहीं प्रचंड अग्नि-ज्वाल है
यह आग से उठी मलीन मेघ-माल है
लो, जल रहीं जहान में नई जवानियाँ
तुम ज्वाल में जलो किशोर, ज्वाल में जलो
तुम ज्वाल में जलो
अब तो समाज की नवीन धारणा बनी
हैं लुट रहे ग़रीब और लूटते धनी
संपत्ति हो समाज के न ख़ून से सनी
यह आँच लग रही मनुष्य के शरीर को
तुम आँच में ढलो नवीन आँच में ढलो
तुम आँच में ढलो
अंबार एक ओर, एक ओर झोलियाँ
संसार एक ओर, एक ओर टोलियाँ
मनुहार एक ओर, एक ओर गोलियाँ
इस आज के विभेद पर ज़हीन रो रहा
तुम अश्रु में पलो कुमार, अश्रु में पलो
तुम अश्रु में पलो
तुम हो गुलाब तो जहान को सुवास दो
तुम हो प्रदीप, अंधकार में प्रकाश दो
कुछ दे नहीं सको, सहानुभूति-आस दो
निज होंठ की हँसी लुटा, दुखी मनुष्य का
तुम अश्रु पोंछ लो उदार, अश्रु पोंछ लो
तुम अश्रु पोंछ लो