hindi months name with festivals
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चैत्र (मेष राशी) – ये हिन्दू कैलेंडर का पहला महिना होता है. इस महीने से ग्रीष्म ऋतू की आवट शुरू हो जाती है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल महीने में आता है. बंगाली एवं नेपाली कैलेंडर के अनुसार चैत्र साल का आखिरी महिना होता है. चैत्र महीने के 15 दिन पहले फाल्गुन में होली का त्यौहार मनाते है. चैत्र महीने के पहले दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्यौहार, तमिलनाडु में चैत्री विशु और कर्नाटका एवं आंध्रप्रदेश में उगडी का त्यौहार मनाया जाता है. उत्तरी भारत, मध्य भारत में चैत्र के पहले दिन से चैत्र नवरात्री की शुरुवात होती है, इसके नौवे दिन भगवान् राम का जन्मदिन ‘रामनवमी’ के रूप में मनाते है. चैत्र माह के आखिरी पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाते है.
बैसाख (वृषभ) – हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ये दूसरा महिना है, लेकिन नेपाली, पंजाबी एवं बंगाली कैलेंडर का ये पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल-मई महीने में आता है. इस महीने का नाम बैसाख इसलिए पड़ा क्यूंकि इस समय सूर्य की स्तिथि विशाखा तारे के पास होती है. बैसाख आने पर बंगाली न्यू इयर मनाया जाता है. इसके साथ ही बांग्लादेश एवं पश्चिम बंगाल में इस समय लोग नए काम की शुरुवात करते है.
पंजाब में किसान लोग कटाई का पर्व ‘बैसाखी’ इसी महीने मनाते है, साथ ही ये उनका नया साल भी होता है. बैसाख की पूर्णिमा को ‘बुद्ध पूर्णिमा’ के रूप में मनाते है, इस दिन गौतम बुद्ध का जन्म उत्सव मनाया जाता है. ये ज्यादातर मई में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.
जयेष्ट (मिथुन राशि) – जयेष्ट के महीने अत्याधिक गर्मी वाला होता है. ये मई-जून के आस पास आता है. इसे तमिल में आणि माह कहते है.
जयेष्ट माह की दशमी के दिन गंगा दशहरा मनाते है, कहते है इस दिन गंगा जी धरती में अवतरित हुई थी.
जयेष्ट माह की शुक्ल पक्ष एकादशी को निर्जला एकादशी मनाते है. साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी से इसका बहुत महत्व है. कहते इस एक एकादशी में 24 एकादशी का पुन्य समाहित है.
जगन्नाथ पूरी में स्नान यात्रा त्यौहार जयेष्ट पूर्णिमा के दिन मनाते है. इस दिन जगन्नाथ मंदिर से बालभद्र, सुभद्रा, जगन्नाथ को मंदिर से बाहर ले जाकर स्नान बेदी में स्नान कराया जाता है.
अषाढ़ ( कर्क राशी) – तमिल में इस महीने को आदि कहते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जून-जुलाई महीने में आता है. अषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाते है.
श्रावण (सिंह) – सावन का महिना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने से अनेकों त्यौहार शुरू हो जाते है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जुलाई-अगस्त महीने में आता है. ये पूरा महिना शिव जी को समर्पित है. तमिल में इसे अवनि कहते है. जब सूर्य, सिंह राशी में आता है तब श्रावण महीने की शुरुवात होती है. कई हिन्दू पुरे सावन माह व्रत रखते है, तो कई हर सावन सोमवार का व्रत रखते है. श्रावण महीने में आने वाले व्रत –
सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्यौहार मनाते है.
पूर्णिमा के आठ दिन बाद जन्माष्टमी का त्यौहार पुरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाते है.
सावन माह की अमावस्या के पांच दिन बाद नागपंचमी का त्यौहार मनाते है.
दक्षिण भारत में सावन पूर्णिमा के दिन अवनी अवित्तम या उपाकर्म का त्यौहार मनाते है.
सावन माह के आखिरी दिन अमावस्या को देश के कई हिस्सों में किसान समुदाय द्वारा पोला का त्यौहार मनाया जाता है.
देश के कई हिस्सों में सावन महीने के समय विशेष धार्मिक अनुष्ठान होते है, कावण यात्रा निकाली जाती है.
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भाद्रपद (कन्या राशी) – भादों/भाद्रपद अगस्त-सितम्बर महीने में आता है. पुरात्तासी भी कहते है. इस महीने की शुरुवात में ही हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी आती है. अष्टमी के दिन राधा अष्टमी, चौदस के दिन अनंत चतुर्दशी मनाते है. इसके बाद 15 दिन पितृ पक्ष होते है, इस दौरान पितरों को तर्पण दिया जाता है. चौमासा/ चातुर्मास का महत्त्व जानने के लिए पढ़े.
अश्विन (तुला राशी) – इस महीने को कुआर भी कहते है. भाद्र पक्ष की अमावस्या के बाद ये दिन शुरू होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सितम्बर- अक्टूबर महीने में आता है. नवरात्री, दुर्गापूजा, कोजागिरी पूर्णिमा, विजयादशमी/दशहरा, दिवाली, धनतेरस, काली पूजा इसी महीने में आते है.
कार्तिक (वृश्चिक) – गुजरात में दिवाली से नया साल शुरू होता है, वहां कार्तिक पहला महिना होता है. ये माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवम्बर महीने में आता है. इस माह गोबर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा मनाते है. कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते है. इस माह एकादशी को देव उठनी एकादशी मनाते है. जिसे तुलसी विवाह भी कहते है. इस दिन के बाद से शुभ कार्यों की शुरुवात हो जाती है. इस महीने गुरु नानक जयंती भी आती है. कार्तिक माह महत्व व्रत कथा एवम पूजा विधि जानने के लिए पढ़े.
अगहन (धनु राशि) – इस महीने वैकुण्ठ एकादशी जिसे मोक्ष एकादशी भी कहते है, बड़ी धूमधाम से मनाते है.
पौष (मकर राशि) – पौष का महिना दिसम्बर-जनवरी के समय आता है. यह ठण्ड का समय होता है, जिसमें अत्याधिक ठण्ड पड़ती है. इस महीने लौहड़ी, पोंगल एवं मकर संक्राति जैसे कई त्यौहार मनाये जाते है.
माघ (कुंभ राशि) – इस महीने सूर्य कुंभ राशी में प्रवेश करता है, तमिल में इस महीने को मासी कहते है. यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी-फरवरी महीने में आता है. इस महीने विद्या एवं काला की देवी सरस्वती जी की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है. इसके साथ ही महा शिवरात्रि, रथा सप्तमी त्यौहार भी मनाये जाते है. उत्तरी भारत में माघ मेला एक बड़ा उत्सव होता है.
फाल्गुन (मीन राशि) – बंगाल में ये 11 वां महिना होता है. बांग्लादेश में फाल्गुन महीने के पहले दिन पोहेला फाल्गुन मनाया जाता है. भारत में भी फाल्गुन पूर्णिमा को होली मनाई जाती है. यह माह अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी- मार्च महीने में आता है.
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