Hindi, asked by santoshiRajeshpatil, 1 month ago

hindi निबंध लेखन pls help ​

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Answered by unknown7033
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जिस देश में नारी को देवी के समान पूजा जाता है। उस देश में महिलाओं के साथ शर्मनाक और दर्दनाक हादसे हो रहे है। देश का समाज पुरुष प्रधान है और यहाँ परिवारों में पुरुषो की अधिकतर चलती है। नारी का आगे बढ़ना , उन्नति करना और उनकी सोच सबके समक्ष रखना कुछ पुरुषो के लिए असहनीय हो जाता है। कुछ ऐसे ही पुरुष घर पर महिलाओं पर रोब जमाते है , उन्हें नीचा दिखाते है और मारते पीटते है। इस प्रकार के अत्याचार और अपराध निंदनीय है। महिलाओ के खिलाफ बढ़ रही हिंसा , देश के प्रगति में बाधक बन कर खड़ी है। आये दिन कुछ ससुराल में शिक्षित महिलाओं को भी दहेज़ के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। कहीं तो महिलाओं से दहेज़ ना मिलने के कारण उन्हें आग के हवाले कर दिया जाता है। दिल काँप उठता है यह सुनकर जब देश इतना शिक्षित हो रहा है , उन्नति कर रहा है मगर महिलाओं के साथ इतनी हैवानियत क्यों। दिल्ली , देश की राजधानी और दूसरे इत्यादि राज्यों में में भी बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है।

Answered by Anonymous
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“पानी हमारा जीवन है ”, बावजूद इसके पानी बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल। धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।नगरीकरण और औद्योगिकीरण की तीव्र गति व बढ़ता प्रदूषण तथा जनसंख्या में लगातार वृद्धि के साथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है, लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।

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