Hindi, asked by ishikavishwasis5607, 1 year ago

Hindi nibandh on seva aur samarpan

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Answered by mchatterjee
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सेवा ,आदर ,सत्कार भाव यह सब है तो हम सब का नीति भाई। मानव होकर एक मानव की मदद करना है हमारा समर्पण।

गरीब की मदद करना, बच्चों की सहायता करना। भूखे लोगों का पेट भरना यह सेवा भाव है।

चिकित्सा के क्षेत्र में होकर गरीबों की मुफ्त चिकित्सा भी एक सेवा भाव है। समाज के रक्षक के रूप में मदद करना हमारा कर्तव्य है।

Answered by bhatiamona
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सेवा ही असल में मानव जीवन का सौंदर्य और शृंगार है। भूखे को भोजन देना, प्यासे को पानी पिलाना, विद्यारहितों को विद्या देना ही सच्ची मानवता है। सेवा से मिलता मेवा: दूसरों की सेवा से हमें पुण्य मिलता है- यह सही है, पर इससे तो हमें भी संतोष और असीम शांति प्राप्त होती है। सेवा करने से हम जरूरत मंद लोगों को खुशियाँ देते है।  

समर्पण में श्रद्धा का महत्व ज्यादा होता है। जिस पर श्रद्धा होती है, उसी पर समर्पण होता है।  

समर्पण का अर्थ है अपने आपको मन व बुद्धि से पूर्णरूपेण किसी ऐसे ईष्ट को नि:स्वार्थपूर्वक सौंप देना, जिस पर पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो अथवा बिना किसी तर्क व संदेह किए बराबर किसी भी उपयोग हेतु स्वयं को किसी के हवाले कर देना। किसी की सेवा के लिए अपने आप की समर्पण कर देना । अपना समय तन मन धन सब समर्पण कर देना ।


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