Hindi, asked by meetaasher, 1 year ago

Hindi nibandh on soil

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Answered by rishilaugh
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mitti.......hamari maa samaan hai......hamare janm hote hi hamara sambandh usse hota hai aur humare maran tak woh samandh juda huva rehta hai..............mitti ko vighnanikon ne swasth ke liye achha kaha hai..............mitti se hi ped powdho  me praan aathe hai...........aur aage jaakar wahi pedh pwdho se manav ke praan chalthe hai.....mithhi ki aabha dhool hai.mithhi ki pehchaan uske rang se hoti  hai.mitti kai prakaar ki hothi hai jaise...laal,kaali,aadi...............varsha ke samay mithhi mein se ek sugandh aathi hai jisse hamara man prasann hojatha hai...................mithhi me hi phasal ugthi hai..kisaan apne kheto mein uchh phasal ke liye achhi mithhi(laal aur kaali ) istemaal karthe hai..............................ataha.....mithhi me hamara jaan hai aur mitti se  humare praan hai..................dhanyavaadh...............!

miti me paudhe ugte hai aur jeevan chalta hai aur manav usi par pair rakh kar chalta hai miti ko pradhusit karta haii agar miti nahi rahegi to duniya hi nahi bhachegi ushe bhacho thahar jao
Answered by rachanavyas
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मिटटी  |  soil  | Miiti


ये अनदेखा किया जाने वाला प्राकृतिक तत्व अपने में अनगिनत खूबियाँ समाहित किये हुए है| इन्सान अपने जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत मिट्टी का ऋणी रहता है| कितना असीम धैर्य होता है मिट्टी में; सब इसके त्याग से जीवन पाते हैं और बदले में ये धन्यवाद सुनने की भी अपेक्षा नहीं रखती| अगर मिट्टी न हो तो अन्न का उत्पादन असंभव हो जायेगा| हमारे स्वार्थ की पराकाष्ठा है कि हम ज्यादा अन्न उपजाने के लिए इसमें भारी मात्रा  में कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक डाल कर इसकी प्राकृतिक उर्वरकता नष्ट कर रहे है|  सारा कूड़ा-करकट ,मल आदि इसमें दबा दिए जाते हैं और ये बिना उफ़ के इन सबका उद्धार कर देती है| हम इसमें संचित जल बोरवेल, ट्यूबवेळ के माध्यम से खींच लेते हैं और ये मौन आह भरकर रह जाती है| इसकी नमी दिनों-दिन कम हो रही है| मुस्लिम और इसाई धर्मावलम्बी मृत्यु के उपरांत शरीर को इसी मिट्टी के नीचे आश्रय देते हैं| मिट्टी किसान, कुम्हार  और मजदूर को रोजगार देती है|  ये विभिन्न बीमारियों में रामबाण उपचार सिद्ध होती है| मुल्तानी मिट्टी चेहरे और बालों का सौन्दर्य बढाती है| कब्ज,पेचिश, त्वचा सम्बन्धी रोगों में इसकी पट्टियाँ रोगग्रस्त हिस्से पर बांधी जाती है| इसकी गर्म व ठंडी पट्टियाँ रोग की तासीर के अनुसार काम में आती है| यहाँ तक कि ये विष को भी खींच लेती हैं| ये मुख्यतः पांच  प्रकार की होती है| काली , जलोढ़, लाल, मरू और लैटराइट मिट्टी|  इतने बहुआयामी प्रयोग हैं इसके| हमें इसका कृतग्य होना चाहिए|

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